गाज़ियाबाद. सीबीआई कोर्ट ने 8 नवंबर 1996 को भोजपुर फर्जी एनकाउंटर मामले में 4 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। सोमवार को विशेष सीबीआई न्यायाधीश राजेश चौधरी की कोर्ट ने चारों पुलिसकर्मियों लालसिंह, जोगेंद्र, सुभाष और सूर्यभान को दोषी करार दिया था। दोषी करार दिए जाने के साथ ही कोर्ट ने जमानत पर चल रहे तीन पुलिसकर्मी लालसिंह, जोगेंद्र और सुभाष को हिरासत में लेकर डासना जेल भेज दिया। चौथा आरोपी इलाहाबाद से आने वाला था, मगर टूंडला में हुए ट्रेन हादसे के चलते वह समय से कोर्ट में पेश नहीं हो सका। ऐसे में मंगलवार को आरोपी कांस्टेबल सूर्यभान ने कोर्ट के समक्ष सरेंडर कर दिया।
भोजपुर एनकाउंटर में मारे गए युवक मोदीनगर की विजयनगर कालोनी निवासी जलालुद्दीन, प्रवेश, जसवीर और अशोक थे, जो फैक्ट्री में नौकरी और मजदूरी का काम करते थे।तब मृतकों के परिजनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया था और सीबीआई जांच की मांग की थी।
7अप्रैल 1997 को सीबीआई को इसकी जांच सौंपी गई। 10 सितंबर 2001 को सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी, जिसमें तत्कालीन भोजपुर एसओ लाल सिंह, एसआई जोगेंद्र, कांस्टेबल सुभाष, सूर्यभान और रणवीर को आईपीसी की धारा 302, 149, 193 और 201 के तहत आरोपी बनाया।
केस की सुनवाई के दौरान 27 अप्रैल 2004 को एक आरोपी रणवीर की मृत्यु हो गई थी।करीब दस साल बाद बाकी बचे चारों पुलिसकर्मियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई।