केन्द्र सरकार अपनी सार्वजनिक क्षेत्र की इंश्योरेंस कंपनियों और बैंकों के निजीकरण की तैयारी कर रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एलआईसी और एक नॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को छोड़कर बाकी सभी इंश्योरेंस कंपनियों में सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी किस्तों में बेच सकती है. बता दें कि अभी कुल 8 सरकारी इंश्योरेंस कंपनियां हैं. एलआईसी के अलावा 6 जनरल इंश्योरेंस और एक नेशनल रिइंश्योरर कंपनी है.
दूसरी तरफ बैंको के भी प्राइवेटाइजेशन का भी प्लान है. इस पर पीएमओ, वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के बीच सहमति बनी है, साथ ही कैबिनेट ड्रॉफ्ट नोट भी तैयार हो चुका है. इस प्रस्ताव के अनुसार एलआईसी और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी सरकार अपने पास रखेगी. बारी सभी कंपनियों को बेच दिया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 5 सरकारी बैंकों को छोड़ बाकी सभी बैंकों का निजीकरण किया जा सकता है. पहले चरण में बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक में सरकारी हिस्सेदारी बेची जा सकती है. 5 बैंकों को छोड़ बाकी सभी बैंकों निजीकरण की योजना को तहत बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी चरणों में बेचने का प्रस्ताव है.
पहले चरण में 5 सरकारी बैंकों में हिस्सा बिक सकता है. सबसे पहले महाराष्ट्र बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक से सरकार का हिस्सा बिक सकता है. बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब ऐंड सिन्ध बैंक का भी निजीकरण संभव है. इसके अलावा यूको बैंक में भी सरकारी हिस्सेदारी बेची जा सकती है. कि मौजूदा समय में देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंक हैं.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि चार से पांच सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों किए जाने के बारे में सोचा जा रहा है. वैसे मौजूदा समय में भारत में 12 सरकारी बैंक हैं. सरकारी अफसर ने यह भी कहा कि इस तरह की योजना को एक नए निजीकरण प्रस्ताव में रखा जाएगा, जिसे फिलहाल सरकार तैयार कर रही है. उसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा.