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ट्रैक्टर ट्राली के मालिकों पर लगाए गए 10 हजार रुपये जुर्माने का आदेश तत्काल वापस ले सरकार- रामाशीष राय

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा किसानों की ट्रैक्टर ट्राली से सम्बन्धित अव्यवहारिक आदेश पर आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा है कि यदि किसी ट्रेक्टर ट्राली के ड्राइवर की असावधानी से दुर्घटना हो जाती है तो उसका अभिशाप झेलने के लिए सम्पूर्ण किसान वर्ग को उसकी सुख सुविधाओं से वंचित करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर ट्राली किसानों ने बैलगाड़ी के स्थान पर लिया है, क्योंकि बैलों का स्थान ट्रैक्टर ने लिया है और बैलगाड़ी का स्थान ट्रैक्टर ट्राली का है।

श्री राय ने कहा कि किसान अपना समस्त बोझा ढोने के लिए बैलगाडी का इस्तेमाल करता था। शादी ब्याह में बारात भी बैलगाड़ी से जाती थी। यही नहीं मेला इत्यादि में पूरे गांव के लोग बैलगाडियों से जाते थे, किन्तु आज बैलगाड़ी के अभाव में वह सारे कार्य ट्रैक्टर ट्राली द्वारा सम्पादित होते हैं। यदि किसान के यहां कोई मृत्यु भी होती है तो शमशान घाट तक ट्रैक्ट्रर ट्राली से ले जाया जाता है।

किसानों को उनके निजी कार्यो पर सरकार का अंकुश लगाना अव्यवहारिक ही नहीं अमानवीय भी है, क्योंकि किसान के पास इतना धन नहीं है कि टैक्सी और बसों पर धनराशि खर्च कर सके। किसान खेतों में खाद आदि ट्रैक्टर ट्राली से ही पहुंचाता है बाजार से खाद बीज लाने में भी उसी ट्राली का प्रयोग किया जाता है, केवल यहीं नहीं मजदूर वर्ग का आवागमन भी ट्रैक्टर ट्राली से ही सुलभ रहता है। अतः प्रत्येक दृष्टिकोण से ट्रैक्टर ट्राली के बिना खेती किसान अधूरी है और उस पर अंकुष सरकार का किसान विरोधी कदम हैं।

रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकारी मशीनरी को और विशेषकर मुख्यमंत्री को यह सोचना चाहिए कि ड्राइवरों से अधिकांश दुर्घटनाएं शराब पीने पर होती हैं। इसलिए शराब पर रोक लगाई जाय, जबकि दुकाने लगातार गांव-गांव खुलवायी जा रही हैं। सरकार ने किसानों की आमदनी दुगुना करने की बात 2014 से बराबर दोहरायी है, परन्तु उसकी आमदनी लागत की आधी हो गयी है। सरकार को इस पर भी विचार करने की आवश्यकता है। प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि ट्रैक्टर ट्राली के मालिक किसान पर अमानवीय तरीके से लगाया गया 10,000 रूपये जुर्माने का आदेश तुरंत वापस लिया जाय। किसानों की सुख सुविधाओं का ध्यान रखते हुये उनके निजी संसाधन पर भविष्य में भी किसी भी प्रकार रोक न लगायी जाय।

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