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महामारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करें सरकार: सुनील सिंह

लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार से यह मांग की है कि वह अपनी गलतियों को कबूल करे, जिम्मेदार नेतृत्व का परिचय दे और भारत को कोविड-19 के संकट से उबारने और ‘अपनी आधीअधूरी टीकाकरण मुहिम’ से उसे उबारने के लिए विज्ञान आधारित प्रतिक्रिया दे। सुनील सिंह ने कहा कि सात साल के शासन में हुई अपनी गलतियों को लेकर-चाहे नोटबंदी का निर्णय हो, या जीसटी को बिना तैयारी के लागू किया जाना हो या महज चार घंटे की नोटिस पर पिछले साल लागू किया लॉकडाउन हो, कभी भी खेद तक प्रगट न करने वाले प्रधानमंत्री और उनके करीबियों से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती।

सुनील सिंह ने कहा है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, जो देश के डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था है -मोदी सरकार कोविड से निपटने के लिए गैरवाजिब आचरण कर रही है, तथ्य छिपा रही है। और यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी को वैक्सीन उपलब्ध को अभी भी कोई रोडमैप नहीं बना पायी है। यह एक कड़वी सच्चाई है कि न अपने यहां पर्याप्त मात्रा में जीवनरक्षक दवाएं हैं और न ही वैक्सीन के डोस भी उपलब्ध हैं। अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या भी कम पड़ गयी है और एक एक बिस्तर पर पड़े दो तीन मरीजों की तस्वीरें भी वायरल हो चुकी हैं। ऑक्सीजन की आपूर्ति भी सीमित मात्रा में है। इस हक़ीकत के बावजूद कि तैयारी के लिए सरकार को एक साल से अधिक वक्त़ मिला, उसने बुरी तरह चीज़ों का प्रबंधन किया है। अस्पताल के बाहर बिना इलाज के ही बिस्तर के इंतज़ार में मरनेवाले मरीजों की ख़बरें अब आम हो चली हैं।

क्या यह उम्मीद की जा सकती है कि इन दिनों जब लोग ऑक्सीजन की कमी से देश में मर रहे हैं, करोड़ों श्रमिक अपने रोजगारों को खो चुके हैं और आबादी का बड़ा हिस्सा आज भी टीकाकरण से वंचित है, जनाब प्रधानमंत्री यह ऐलान करेंगे कि सेन्टल विस्टा के नाम पर देश की राजधानी में नयी संसद, प्रधानमंत्री के लिए नया मकान बनाने के लिए हजारों करोड़ रूपए लगा कर निर्माण कार्य चल रहा है, उस परियोजना को तत्काल रोक दें और ऐलान कर दें कि इसका सारा पैसा जनता को मुफत वैक्सीन देने के लिए इस्तेमाल होगा। सिंह ने पत्रकारों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण बात की ख़बर बहुत दुखद है। कोविड के दौरान कई पत्रकारों की जान चली गई। सूचना प्रसारण मंत्रालय उन पत्रकारों के बारे में कभी ट्विट नहीं करता। आप बताइये कि कितने पत्रकार देश भर में मर गए, सूचना प्रसारण मंत्री ने उन्हें लेकर कुछ कहा तक नही इस देश में एक ही काम है। लोग मर जाएँ लेकिन मोदी जी की छवि चमकती रहे।

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