कोरोना के पहले चरण में योगी आदित्यनाथ ने आपदा प्रबंधन की मिसाल कायम की थी। इसके चलते कोरोना को पराजित करने में सफलता मिली थी। लेकिन संकट समाप्त नहीं हुआ था। यह आपदा दूसरे चरण में अधिक व्यापक होकर वापस लौटी है। एक बार फिर योगी आदित्यनाथ का आपदा प्रबंधन कसौटी पर है। पिछली बार योगी आदित्यनाथ के कोरोना आपदा प्रबंधन की दुनिया में प्रशंसा हुई थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस आधार पर उत्तर प्रदेश की तुलना यूरोप के देशों से की थी। जिनकी कुल आबादी उत्तर प्रदेश से कम है। ये सभी विकसित देश है। यहां आधुनिक स्वस्थ्य सुविधाओं की कमी नहीं। फिर भी आपदा प्रबंधन में ये विकसित देश उत्तर प्रदेश से बहुत पीछे थे। इसमें महाशक्तिअमेरिका भी शामिल था। इन देशों को योगी मॉडल से प्रेरणा लेने की सलाह दी गई थी। अमेरिका की टाइम मैगजीन ने योगी आदित्यनाथ पर विशेष रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी योगी आदित्यनाथ के कार्यों की सराहना की थी। इसी क्रम में राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने भी योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली को प्रशंसनीय बताया। यह विश्वास व्यक्त किया कि कोरोना के पहले चरण की भांति इस दूसरे चरण में भी विजय प्राप्त होगी। आनन्दी बेन ने कहा कि कोरोना से जंग योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्कृष्ट कार्य किया गया।
मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण को रोकने तथा संक्रमित मरीजों को दिये जाने वाले उपचार इत्यादि की स्थिति और प्रगति की जानकारी लेने के लिए प्रदेश के सभी जनपदों का निरन्तर दौरा किया। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विगत एक वर्ष में कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य में योजनाबद्ध ढंग से त्वरित गति से कार्य किया गया था। सबके सम्मिलित प्रयासों से कोरोना के फेज वन की लड़ाई लड़ी गयी और इसमें उत्तर प्रदेश पूरी तरह से सफल रहा। उत्तर प्रदेश ने पूरे देश में कोरोना से जंग में सबसे अच्छा कार्य किया। इससे कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण लगा और केसेज की संख्या नगण्य हो गयी थी।
उन्होंने कहा कि अपने पुराने अनुभवों का लाभ लेते हुए कोरोना के फेज टू को शीघ्र नियंत्रित करना होगा। जिससे इसका फैलाव रुके। अब कोरोना का वैक्सीन उपलब्ध है। वैक्सीनेशन कार्य को प्रभावी ढंग से करना होगा। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना के फेज टू की जंग में भी उत्तर प्रदेश प्रथम आयेगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत वर्ष जब कोरोना महामारी सामने आयी तब प्रदेश में कोविड टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं थी, परन्तु आज प्रदेश में दो लाख टेस्टिंग की क्षमता मौजूद है। पिछले वर्ष कोरोना से जंग में प्रदेश में बहुत से कार्य हुए। कोविड संक्रमण की रोकथाम और इसके उपचार के सम्बन्ध में अनेक नये कदम उठाए गये। इसके चलते कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में सफलता मिली।
संक्रमण कम होने बाद कोरोना केसेज सिर्फ दहाई में ही रिपोर्ट हो रहे थे। एक बार फिर हम सबको मिलकर कोरोना के विरुद्ध जंग में सफलता प्राप्त करनी है। सरकार अपना कार्य कर रही है। किंतु सभी लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। तभी इसको पराजित करना संभव होगा।