लखनऊ। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि दुनिया भर में भारतीय विशेषज्ञों चिकित्सकों,वैज्ञानिकों और फार्मा पेशेवरों के लिए बहुत प्रशंसा और सम्मान है। एसजीपीजीआई राष्ट्रीय स्तर का एक मुख्य चिकित्सीय केन्द्र है,जो चिकित्सा शिक्षा, नर्सिंग, चिकित्सीय, प्राविधिक एवं अस्पताल प्रशासन के क्षेत्र में स्नातकोत्तर उपाधियां प्रदान करता है। आनंदीबेन पटेल ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में आयोजित 27वें दीक्षान्त समारोह में को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेतृत्व में केन्द्र सरकार का प्रयास है कि गरीब और मध्यम वर्ग का इलाज कम से कम खर्च में हो, इलाज भी बेहतर मिले और इसके लिए उसको दूर तक जाना भी न पड़े। आयुष्मान भारत योजना के तहत अधिकतर परिवारों को 5 लाख रूपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है। इस योजना के तहत अब तक पूरे देश में तीन करोड़ साठ लाख गरीब मरीजों का मुफ्त इलाज हो चुका है।
एसजीपीजीआई के स्कूल आफ टेलिमेडिसन को राष्ट्रीय मेडिकल नेटवर्क के प्रभारी के रूप में पहचान की गयी है और उन्होंने इस नेटवर्क से प्रदेश के सभी 75 जनपदों में संतृप्त करने की अपील करते हुए कहा कि समाज के कमजोर और दूर दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों सहित अन्य सभी नागरिकों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करना एक चुनौती है। देश में प्रथम बार संस्थान द्वारा गुर्दा प्रत्यारोपण व थायरायड की रोबोटिक सर्जरी किये जाने पर चिकित्सा वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि वर्ष 2019 से संस्थान मेरे आग्रह पर टीबी रोग से पीड़ित बच्चों को गोद लेकर उन्हें समुचित पोषण उपलब्ध करा कर उनकी देखभाल कर रहा है।
आनंदीबेन पटेल ने चिकित्सकों से अपने व्यवहार मे हास्य परिहास्, स्वास्थ्य और फिटनेस का ध्यान देने की अपील करते हुए कहा कि मरीज के प्रति आपका व्यवहार सदैव मृदुल और सांत्वना देने वाला होना चाहिए। क्योंकि आप की मधुर वाणी से ही मरीज की अधिकांश बीमारी कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि भावी चिकित्सकों को यह सदैव स्मरण रखना चाहिए कि आस-पास के समुदाय के लोग उनकी ओर सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। इसलिए उन्हें पेशे के अनुरूप श्रेष्ठ आचरण बनाए रखना चाहिए।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री बृजेश पाठक ने चिकित्सकों को गरीब जनता की समर्पण भाव के साथ चिकित्सा करने की अपील करते हुए कहा कि मुझे आशा है कि जिन छात्रों को आज यहां डिग्री प्राप्त हुई है वे एसजीपीजीआई के साथ-साथ प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों को ऊंचाइयों पर ले जाने के गुरूतर दायित्व का सदैव निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि चिकित्सक को पृथ्वी पर कष्टों से मुक्ति दिलाने वाले भगवान की संज्ञा दी गयी है और इस संस्थान में प्रत्येक चिकित्सक गरीब जनता का भगवान है। इसलिए सभी चिकित्सकों को उच्च कोटि की चिकित्सा प्रदान के साथ निःस्वार्थ भाव से सभी की सेवा करना चाहिए। इस अवसर पर संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ आर के धीमन ने संस्थान का वार्षिक लेखा जोखा प्रस्तुत किया।