राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल अपने अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण बच्चों की शिक्षा सवास्थ्य सहित सामाजिक जागरूकता के सन्देश देती है। उनकी मिर्जापुर यात्रा भी इस दृष्टि से महत्वपूर्ण व उपयोगी साबित हुई। वह काशी राजातालाब से सड़क मार्ग होते हुए अष्टभुजा गेस्ट हाउस पहुंची थी।
उन्होंने विध्याचल धाम में दर्शन पूजन किया। टीबी से जुड़े बच्चों की पहचान कार्यक्रम में सम्मलित हुई। राज्यपाल इसके प्रति भी स्वयं सेवी व शिक्षण संस्थाओं को जगरुक्त करती रही है। उनका कहना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार अपने स्तर से प्रयास कर रही है। इसके साथ समाज को भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना है।
आनन्दी बेन ने डैफोडिल पब्लिक स्कूल लोहिया तालाब में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रमाण पत्र और चाबी वितरित की। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से संवाद किया। उन्होंने महिलाओं का आत्म बल बढ़ाया। कहा कि उन्हें स्वावलम्बी बनना चाहिए।
मिशन वन जीपी वन बीसी के तहत समूह की महिलाओं को प्रमाण पत्र और चाबी सौंपी गई। महिलाओं के द्वारा किए गए कार्य के पारिश्रमिक समूह की महिलाओं को एक सौ ग्यारह करोड़ का डेमो चेक प्रदान किया गया।स साइकिल वितरण भी किया गया।
राज्यपाल ने एक जनपद एक उत्पाद, एलईडी बल्ब,दोना पत्तल,ड्रैगन फ्रूट्स की खेती और ड्रेस सिलने वाली महिलाओं से जानकारी प्राप्त की,उनके कार्यों को सराहनीय बताया। राज्यपाल ने कहा कि बच्चों में क्षय रोग चिंता का विषय है।
इसकी रोकथाम के लिए सरकार प्रयास कर रही है, लेकिन आम जनता को भी इसमें सहयोग करना होगा। इसके लिए एनजीओ व स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ऐसे बच्चों की मदद की जा सकती है।
जनता के आगे आने से बड़ी से बड़ी समस्या भी चुटकियों में हल हो सकती है। राज्यपाल का अष्टभुजा डाक बंगला पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। प्रशासन की ओर से उन्हें गार्ड आफ ऑनर दिया गया। नगर विधायक रत्नाकर मिश्र व नगर पालिकाध्यक्ष मनोज जायसवाल ने उन्हें पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।