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सामाजिक सरोकार में सहायक शिक्षा

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

भारतीय चिंतन में विद्या व ज्ञान को सामाजिक सरोकार से जोड़ कर देखा गया। शिक्षा में सर्वे भवन्तु सुखिनः का विचार भी समाहित है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल विद्यार्थियों को सदैव समाज के हित में कार्य करने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र तथा समाज के लक्ष्यों की प्राप्ति का सबसे महत्वपूर्ण साधन शिक्षा है।

शिक्षा के माध्यम से समाज में बदलाव लाया जा सकता है। शिक्षा के साथ-साथ बच्चों का स्वास्थ्य एवं पोषण भी आवश्यक है, इसके लिए परिवार एवं शिक्षकों की भूमिका बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित नहीं होना चाहिए।राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के पन्द्रहवें दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित किया।

युवाओं का दायित्व

आनन्दी बेन ने कहा कि उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों के जीवन का एक चरण पूरा हो गया है,परन्तु व्यवहारिक जीवन की चुनौतियां को दृष्टिगत रखते हुए वे जातिगत, सम्प्रदायगत, भाषाई और अन्य प्रकार के भेदभावों से ऊपर उठकर एक आदर्श भारतीय नागरिक के रूप में देश और समाज की सेवा का संकल्प लें और देश की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा की गौरव-गरिमा के पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांरतण में सुयोग्य भूमिका का निर्वहन करें।

दहेज जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए भी सभी लोगो को आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए तथा दहेज के कारण समाज में होने वाली घटनाओं तथा उसके परिणामों के बारे में लोगो को जागरूक करना चाहिए।

गांवों में शिक्षा

राज्यपाल ने कहा कि अध्यापक गांव में जाकर अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें। आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों एवं वहां की व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में मुख्यतः गरीब परिवार के बच्चे पढ़ते है। विश्वविद्यालयों एवं कालेजों तथा अन्य संस्थाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेने के लिए आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए।

शैक्षिक सूचकांक

उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के पचास प्रतिशत शैक्षिक सूचकांक को प्राप्त करना है तो प्राथमिक शिक्षा का स्तर उठाने के साथ ही साथ नामांकन अनुपात को भी बढ़ाना होगा।

इसके लिए उन्होंने पांच वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से जोड़ने का आह्वाहन किया। राज्यपाल ने बच्चो को स्कूल जाने हेतु प्रेरित करने के लिए छोटे स्कूली बच्चों को बैग एवं पुस्तकों का वितरण किया।

दूरस्थ शिक्षा

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि वर्तमान युग दूरस्थ शिक्षा का है और इसका क्षेत्र अत्यन्त व्यापक है। औपचारिक शिक्षा की तुलना में यह ज्यादा व्यावहारिक,महत्वपूर्ण तथा सार्थक होती जा रही है। कोविड काल में इसकी प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है। विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई स्व अध्ययन सामग्री को वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जाने से ई लर्निंग का वातावरण निर्मित हुआ है।

उन्होंने कहा कि ‘प्रभावी शिक्षा’ एवं ‘शिक्षा शिक्षार्थी के द्वार तक’ को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय ने अपने प्राध्यापकों के व्याख्यानों को यू-ट्यूब पर अपलोड कराकर सराहनीय प्रयास किया है। इसके साथ ही छात्रों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर ‘वर्ष पर्यन्त प्रवेश’ की ऑनलाइन व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

आंगनबाड़ी केंद्र को सुविधा

आनंदीबेन पटेल ने प्रयागराज के कटरा स्थित बख्तियारी प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न करने हेतु आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। राज्यपाल द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र से सम्बंधित आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया गया।

राज्यपाल ने गर्भवती महिलाओं की गोद भराई कराई और उन्हें अच्छे से खानपान, सरकारी अस्पताल में ही डिलीवरी कराने, स्वच्छता का विशेष ख्याल रखने आदि की सीख दी तथा गर्भवती महिलाओं को पोषण किट का वितरण किया।

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