राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कौशल विकास के प्रति युवाओं को जागरूक किया। इसके साथ ही उन्होंने थारू व अन्य वनवासी समुदाय को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने के प्रयासों को भी सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारें युवाओं का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं। शिक्षा के द्वारा तकनीकी रूप से समाज के लोग कुशल एवं सक्षम बनते हैं।
शिक्षा एवं समाज के बीच एक पारस्परिक संबंध है। शिक्षा सशक्तीकरण का एक माध्यम होती है एवं शिक्षा से ही व्यक्ति के लिए प्रगति के मार्ग खुलते हैं। आनंदीबेन पटेल ने बलरामपुर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान द्वारा संचालित महाराणा प्रताप ग्रामोदय इण्टर कालेज इमिलिया कोडर पचपेड़वा के परिसर में कम्प्यूटर लैब एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का शुभारम्भ किया।
थारू जनजाति का विकास
राज्यपाल ने कहा कि यह केन्द्र थारू जनजाति के युवाओं को और आगे बढ़ने में सहायक होगा। वनों के निकट रहने के कारण थारू जनजाति के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है, जिससे इनका सामाजिक जीवन अन्य लोगों से बहुत पिछड़ा हुआ है। थारू जनजाति का इतिहास बहुत ही गौरवपूर्ण है।
राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान युग कम्प्यूटर युग है। आगे बढ़ने के लिए तकनीकी ज्ञान बहुत आवश्यक है। आनंदीबेन पटेल नेे कहा कि थारू जनजाति के लोगों को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि थारू जनजाति की लोककला और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए इमिलिया कोडर गांव में एक संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है।
शिक्षा में तकनीक
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के द्वारा तकनीकी रूप से समाज के लोग कुशल एवं सक्षम बनते हैं। शिक्षा एवं समाज के बीच एक पारस्परिक संबंध है। शिक्षा सशक्तीकरण का एक माध्यम होती है एवं शिक्षा से ही व्यक्ति के लिए प्रगति के मार्ग खुलते हैं। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन एवं महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनके उत्पादों की प्रशंसा की।