संवैधानिक भावना के अनुसार राज्यपाल प्रदेश के अभिभावक की भूमिका में होते है। इसके अलावा वह विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी होते है। इस प्रकार शैक्षणिक क्षेत्र में भी उनके विचारों का महत्व होता है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल के विचार इन्हीं दायित्वों के अनुरूप होते है। उन्होंने स्वतन्त्रता दिवस पर प्रदेश के लोगों का बधाई व शुभकामना दी। उनका यह सन्देश केवल इन्हीं औपचारिक शब्दों तक सीमित नहीं था। उन्होंने स्वतन्त्रता के लिए सर्वस्व समर्पित करने वाले महापुरुषों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। कहा है कि पन्द्रह अगस्त का ऐतिहासिक दिन हमें राष्ट्रीय गौरव एवं आत्मसम्मान की अनुभूति कराता है।
आज के दिन हम उन सभी वीर सपूतों एवं शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं,जिन्होंने स्वाधीनता संघर्ष में अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। आज के अवसर पर प्रदेशवासियों को राष्ट्रहित में त्याग और समर्पण की भावना के साथ कार्य करने का दृढ़ संकल्प लेना चाहिए। देश की एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए हमें सदैव तत्पर रहना होगा। इसी में देश के ऐतिहासिक,सांस्कृतिक एवं राजनैतिक गौरव को समृद्ध बनाये रखने का मर्म निहित है। देश को आत्मनिर्भर एवं स्वच्छ बनाने तथा पर्यावरण को सुधारने का भी सभी को संकल्प लेना होगा, जिससे भावी पीढ़ी को स्वच्छ,सशक्त और सुरक्षित भारत विरासत में मिल सके। इसी के साथ वह कोरोना संकट से बचाव हेतु दिशा निर्देशों के पालन पर भी जोर देती है।
उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया है कि वे वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें एवं मास्क लगाकर आयोजन में शामिल हों। इसी प्रकार अभिभावक जैसी भूमिका में वह प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों से मिली। उनसे कहा कि महिलाओं एवं बच्चियों में असुरक्षा की भावना को खत्म करने का माहौल बनायें। व्यावहारिक ज्ञान व प्रशिक्षण आपको फील्ड में ही मिलेगा। आप लोग गांव के बच्चों से मिलें और उन्हें मित्र बनायें। पुलिस की छवि जनता में मित्र की तरह होनी चाहिए। आप सदैव जनता के प्रति संवेदनशील रहें।
आनंदीबेन पटेल ने अधिकारियों से कहा कि टीबी ग्रस्त बच्चों को स्वयं गोद लें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। बच्चा जब ठीक होगा तो आपको भी संतुष्टि मिलेगी। इस संबंध में जिलाधिकारी से समन्वय कर स्वयं सेवी संस्थाओं का सहयोग भी ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्र में बाल विवाह कतई न होने दें,क्योंकि यह एक सामाजिक बुराई है। एक सभ्य समाज के लिए इसका सभी को विरोध करना आवश्यक है।
पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को महसूस करते हुए निष्पक्ष एवं पारदर्शिता से कार्य करें।राज्यपाल की अध्यक्षता में राजभवन में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र,प्रयागराज की शाषी निकाय की आनलाइन विशेष बैठक हुई। निर्णय के अनुसार लोक कला एवं जन जातीय संस्कृति को संरक्षित करने पर विशेष बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक केन्द्र विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर कार्यक्रम तैयार करें।
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री