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राशन पर लगा जीएसटी है जनविरोधी; सरकार को इसे लेना चाहिए वापस – रालोद

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने आटा, चावल, दही, मक्खन, चावल, गेहूं आदि पर केन्द्र सरकार द्वारा जीएसटी लगाने के निर्णय को जनविरोधी बताते हुये केन्द्र सरकार से इन वस्तुओं पर जीएसटी वापस लेने की मांग की है।

राशन पर लगा जीएसटी है जनविरोधी; सरकार को इसे लेना चाहिए वापस – रालोद

आज जारी बयान में श्री दुबे ने कहा कि आटा, चावल, दही पनीर, लस्सी, छाछ, गुड, खंसारी, चावल, गेहूं आदि पर 5 फीसदी जी0एस0टी0 लगाकर पहले ही मंहगाई से जूझ रही जनता पर सरकार ने अतिरिक्त बोझ डालकर आम आदमी की कमर तोड़ने का काम किया है। जब देश में मंहगाई चरम पर है पेट्रोल, डीजल तथा गैस के दामों में भारी वृद्धि के कारण खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में सरकार ने मंहगाई पर नियंत्रण करने के बजाय आटा, चावल, पोहा, दही, छाछ जैसे चीजों के जरिये कर (टैक्स) वसूलने का निर्णय कर लिया है। सरकार का यह कदम उनकी कल्याणकारी योजनाओं के ठीक विपरीत है। जी0एस0टी0 की इस बढोत्तरी का भार निम्न तथा मध्यम वर्ग पर पडे़गा।

उन्होंने कहा कि सरकार एकतरफा उद्योगपतियों का लगभग 11 लाख करोड रूपये का कर्ज माफ कर रही है वहीं रूपये की गिरती हुयी कीमते, लगातार बढ़ता कर्ज, विदेशी मुद्रा भण्डार में गिरावट, पेट्रोल, डीजल गैस में हद से ज्यादा मंहगाई आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रही है। सरकार ने अस्पताल के कमरों को जी0एस0टी0 के दायरे में लाकर तो हद ही कर दी। उन्होंने सरकार से अपने फैसले पर पुर्नविचार कर पंाच फीसदी की दर से जी0एस0टी0 को तत्काल वापस लेने की मांग की है।

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