जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक 22 जून 2024 को होने वाली है। इस बैठक से पहले कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) ने मांग की है कि जीएसटी को तीन दर संरचना के तहत लाया जाना चाहिए और दरों में बदलाव किया जाना चाहिए। सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा है कि परिषद को जीएसटी को आसान करते हुए तीन दर संरचना के तहत लाना चाहिए। साथ ही दरों में बदलाव भी किया जाना चाहिए।
अभी जीएसटी की पांच दरें
अभी जीएसटी की पांच दरें हैं, जिनमें शून्य प्रतिशत, 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत शामिल हैं। इसमें जरूरी और खाद्य उत्पादों पर कोई जीएसटी नहीं है। सामान्य इस्तेमाल और बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाले उत्पादों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है। 12 और 18 प्रतिशत स्टैंडर्ड दरें हैं। वहीं विलासिता वाले उत्पादों, तंबाकू और अवगुण वाले उत्पादों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है। संजीव पुरी ने जोर देकर कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों, इलेक्ट्रिसिटी और रियल एस्टेट को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए।
पेट्रोल डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाने की उठी मांग
मंगलवार को केंद्रीय पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी कहा कि उनका मंत्रालय पेट्रोल, डीजल और एटीएफ को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार कर रहा है। संजीव पुरी ने सलाह देते हुए कहा कि जीएसटी काउंसिल की तरह अंतर-राज्य संस्थागत मंच बनाए जाने चाहिए। साथ ही व्यापार को बढ़ावा देने के लिए जमीन, बिजली और लॉजिस्टिक की लागत को कम किया जाना चाहिए। राज्यों को जमीन हस्तांतरण पर स्टाम्प ड्यूटी को कम करके 3-5 प्रतिशत पर लाया जाना चाहिए। आगामी बजट को लेकर उन्होंने सुझाव दिया कि एक ग्रीन फंड बनाया जाना चाहिए, जिससे जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटा जा सके।