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जनता के लिए खुलेगा विधानसभा, कराया जाएगा गाइडेड टूर

लखनऊ: अठारहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र की सबसे अच्छी बात यह रही कि इसमें पहली बार सदन की कार्यवाही एक बार भी बाधित नहीं हुई। अठारहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र की सबसे बड़ी उपलब्धि यही रही कि इसमें कोई स्थगन नहीं हुआ। सदन में व्यवधान भी लगभग नगण्य रहा। कई वर्षों बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से सम्पादित हुई। प्रश्न प्रहर बिना किसी व्यवधान के सम्पन्न हुआ।

जनता के लिए खुलेगा विधानसभा, कराया जाएगा गाइडेड टूर

हमारा यह प्रयास है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा पूरे देश में विधायिका के लिए एक रोल मॉडल बने- सतीश महाना

यूपी की अठारहवीं विधानसभा के पहले सत्र में कुल 06 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए, जिसमें सभी सदस्यों ने विधेयकों के प्रस्तुतिकरण और विधि निर्माण में हिस्सा लिया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आज बताया कि इस सत्र में 08 (आठ) उपवेशन हुए। सदन की कार्यवाही 55 घण्टे 57 मिनट चली। उन्होंने बताया कि 08 (आठ) दिन के उपवेशन में अल्पसूचित प्रश्न 03, तारांकित प्रश्न 439, अतारांकित प्रश्न 1524 प्राप्त हुए। अध्यक्ष महाना ने बताया कि जितने भी तारांकित प्रश्न प्रतिदिन लगाए गए थे, वह लगभग सभी ले लिये गये, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। पिछली कई विधानसभाओं में 05-06 से ज्यादा प्रश्न नहीं लिये जा पाते थे।

इसी प्रकार नियम-51 एवं नियम-301 की सूचनाओं की संख्या भी इस सदन में बढ़ी हैं। नियम-301 के अन्तर्गत 489 सूचनायें प्राप्त हुई, जिनमें से 248 सूचनायें स्वीकार की गईं। सामान्य रूप से 15 सूचनायें ही स्वीकार की जाती थीं, परन्तु वर्तमान सत्र में इससे दोगुनी एवं उससे भी अधिक सूचनाओं को जनहित में स्वीकार किया गया। नियम-51 के अन्तर्गत 753 सूचनायें प्राप्त हुई, जिनमें से 330 सूचनायें स्वीकार की गईं एवं 301 सूचनाओं के सन्दर्भ में शासन का ध्यान आकर्षित किया गया। नियम-51 के अन्तर्गत स्वीकार होने वाली इन सूचनाओं की संख्या भी पूर्व की तुलना में बहुत अधिक है। अतः इस अठारहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र में जनहित की सूचनाओं हेतु एक नया आयाम निर्धारित हुआ है। अध्यक्ष महाना ने यह भी बताया कि कार्यस्थगन के नियम-56 के अन्तर्गत भी 36 सूचनायें प्राप्त हुईं, जिनमें से 03 सूचनायें ग्राह्य की गईं एवं अन्य पर ध्यान आकर्षण किया गया।

अध्यक्ष महाना ने यह बताया कि इस सत्र में राज्यपाल अभिभाषण एवं बजट पर बोलने वाले सदस्यों की संख्या भी उल्लेखनीय है। बजट पर मुख्यमंत्री एवं संसदीय कार्यमंत्री सहित सत्ता पक्ष के कुल 76 सदस्यों एवं प्रतिपक्ष से 49 सदस्यों ने कुल 125 सदस्यों ने अपने विचार प्रकट किये। इसी प्रकार राज्यपाल अभिभाषण पर सत्ता पक्ष के कुल 68 सदस्यों एवं प्रतिपक्ष से 50 सदस्यों ने कुल 118 सदस्यों ने अपने विचार प्रकट किये। बजट भाषण पर सत्ता पक्ष की ओर से कुल 07 घंटा 41 मिनट एवं विपक्ष की ओर से कुल 06 घंटा 07 मिनट चर्चा की गई।
243 सदस्यों द्वारा सदन को सम्बोधित किया गया, जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से 08ः00 बजे रात तक अथवा उससे आगे भी संचालित की गयी। सदन के युवा सदस्यों को भी बोलने का अधिक से अधिक अवसर दिया गया।

इस सत्र में ई-विधान की व्यवस्था प्रारम्भ की गयी। अध्यक्ष महाना ने यह बताया कि आश्चर्यजनक रूप से लगभग सभी सदस्यों ने नई तकनीक का उपयोग किया एवं ई-विधान के माध्यम से ही विधानसभा में अपनी कार्यवाही सम्पादित की। विधानसभा में कार्यवाही पहली बार लगभग पेपरलेस रूप से संचालित हुई।

अध्यक्ष महाना ने यह भी बताया कि सदन की उक्त उपलब्धियों के अतिरिक्त इस सत्र में कुछ नई परम्परायें भी प्रारम्भ की गईं, जैसे कि सत्र के दौरान जिन सदस्यों का जन्मदिन था, उनको सदन के अन्दर ही बधाई दी गयी। अठारहवीं विधानसभा में उल्लेखनीय संख्या में डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, प्रबन्ध तंत्र की शिक्षा ग्रहण किए हुए, कृषि एवं अन्य विधाओं के विभिन्न सदस्य निर्वाचित होकर आए हैं। इन सदस्यों को अलग-अलग समूहों में बैैठाकर उनको अलग से भोजन पर आमंत्रित करके उनसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की गयी ताकि उनकी शिक्षा से विधानसभा को किस प्रकार से लाभान्वित किया जा सके। इस प्रकार की यह पहल देश में पहली बार की गयी है।

विधानसभा में यह भी सूचित किया गया कि आने वाले समय में विधानसभा के गाइडेड टूर कराये जायेंगे एवं विधानसभा को जनता के लिए खोला जाएगा। जनमानस को यह बताया जाएगा कि विधानसभा में समितियाँ किस प्रकार चलती हैं एवं समितियों का संचालन किस प्रकार होता है। विधानसभा की इस ऐतिहासिक इमारत में सभी को महत्वपूर्ण स्थानों पर ले जाया जाएगा। अठारहवीं विधानसभा के सत्र में विभिन्न स्कूलों के बच्चों को भी सत्र के दौरान बुलाया गया। उसके पश्चात् उनको सदन के अन्दर कार्यवाही देखने हेतु बैठाया गया। यह एक नई परम्परा है। इसके साथ ही यह भी प्रस्तावित है कि आने वाले समय में जब सत्र संचालित नहीं होंगे तब विभिन्न स्कूलों के बच्चों को बुलाकर सदन के अन्दर सदन की कार्यवाही भी सम्पादित करायी जाएगी। इससे बच्चों को विधायिका के विषय में ज्ञान प्राप्त होगा एवं प्रेरणा मिलेगी।

आने वाले दिनों के लिए यह भी प्रस्तावित है कि सभी सदस्यों के परिवार के सदस्यों को विधानसभा में भोज पर आमंत्रित करके विधानसभा एवं विधानसभा की कार्यवाही के विषय में बताया जाएगा, जिससे कि उनको यह ज्ञात हो कि विधायिका किस प्रकार से अपनी कार्यवाही सम्पादित करती है। यह भी प्रस्तावित है कि विधानसभा के जो गलियारे हैं उनका पुनरोद्धार करके उन पर विधान सभा एवं उत्तर प्रदेश के इतिहास को चित्रित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त विधानसभा के अन्दर एक ध्वनि एवं प्रकाश का इस प्रकार का कार्यक्रम कराया जाए, जिससे विधानसभा एवं विधानसभा से जुड़े हुए ऐतिहासिक तत्वों को डिजिटल ढंग से प्रदर्शित किया जा सके।

अध्यक्ष महाना ने यह भी बताया कि विधानसभा के पुस्तकालय को ई-पुस्तकालय के रूप में विकसित किया जाएगा तथा पुस्तकालय की जो भी सामग्री है, वह डिजिटल रूप से सभी को उपलब्ध रहेगी। पिछले कई वर्षों के पश्चात् सफलतापूर्वक अठारहवीं विधानसभा का बजट सत्र सम्पादित हुआ, जिसके बारे में पक्ष एवं विपक्ष के सभी सदस्यों ने संतोष प्रदर्शित किया है एवं सराहना की है।

(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)

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