• जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल की सदाओं से गूंज उठी फ़िज़ा
लखनऊ। ‘जो ख़ुद पर विश्वास रखता हो वही ईश्वर पर विश्वास रख सकता है’ गुरूनानक जी की कही यह बातें ज़िंदगी का सच हैं। समर विहार गुरूपर्व कमेटी ने रविवार को समर विहार सेंट्रल पार्क में गुरू नानक देवजी का 554वां प्रकाशोत्सव मनाया।
इससे पूर्व प्रातः 6 बजे फूलों की वर्षा के बीच नगर कीर्तन निकाला गया। इस दौरान ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ की सदाओं से फ़िज़ा गूंज उठी। जहां एक ओर श्रद्धालुओं ने झाड़ू लगाकर सड़क की सफ़ाई की, वहीं छोटे-छोटे बच्चों ने जल का छिड़काव कर फूलों की वर्षा की।
समर विहार गुरूपर्व कमेटी के अध्यक्ष कृपाल सिंह एबट ने बताया कि प्रकाश उत्सव से पहले जो ख़ुशी होती है, उसे व्यक्त करने के लिए नगर कीर्तन निकाला जाता है। नगर कीर्तन का महत्व एक तरह से ख़ुशी को बांटना और अपनी परंपरा का प्रचार-प्रसार करना है।
यह पर्व एक महीने तक चलता है जिसके तहत श्रद्धालु अपने-अपने तरीके से नगर कीर्तन निकालते हैं, लेकिन पर्व एक ही दिन सभी गुरुद्वारों में एक साथ मनाया जाता है। श्री एबट ने बताया कि नगर कीर्तन में गोविंद नगर (नाका), चंदरनगर तथा छोटे-छोटे बच्चों के शब्दी जत्थे गुरूवाणी गायन करते चल रहे थे।
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साहिब श्री गुरू नानक देव के प्रकाशोत्सव में बच्चों में बेहद उत्साह दिखा। इस मौके पर गुरू ग्रंथ साहब की शाही सवारी एक सुरूचिपूर्ण ढंग से सजी पालकी में विराजमान थी, जिसके आगे पांच प्यारे अपनी पारंपरिक वेशभूषा में चल रहे थे। नगर कीर्तन में दशमेष पब्लिक स्कूल के बच्चे अपनी प्रधानाचार्य तथा अध्यापिकाओं के नेतृत्व में बैंड पर गुरूवाणी की धुन बजा रहे थे।
जबकि पांच बच्चे हाथों में गुरूवाणी लिखी तख़्तीयां लिए चल रहे थे। विभिन्न मार्गों से होते हुए नगर कीर्तन का जत्था समरविहार सेंट्रल पार्क पहुंचा। जहां सभी उपस्थित श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया तथा गुरू का लंगर छका।
प्रकाशोत्सव के इस अवसर पर सुखमनी साहिब सेवा सोसाइटी, सिख सेवक जत्था, सिख यंगमैंस एसोसिएशन, पंजाबी यूथ एसो के सेवादारों समेत छोटे-छोटे बच्चों ने पूरे कार्यक्रम को सफ़ल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी