ज्ञानवापी-शृंगार गौरी केस की मेरिट पर सोमवार को वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में फैसला आ चुका हैं। कोर्ट ने इस केस के सुनवाई के लायक बताया है. फैसला वाराणसी जिला अदालत के जज अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने सुनाया है।
अदालत का फैसला आने के बाद ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया आनी भी शुरु हो गईं.सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत की ओर से ज्ञानवापी परिसर में कराए गए सर्वे के बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट चली गई थी।
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,’ज्ञानवापी मामले में मुकदमे की सुनवाई के संबंध में वाराणसी कोर्ट के आदेश का स्वागत करता हूं. यह हिंदुओं की बहुत बड़ी जीत है।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब 2000 से अधिक फोर्स वहां तैनात की गई है। लखनऊ पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च कर संदेश दिया। फ्लैग मार्च में पुलिस कमिश्नर भी शामिल हुए। कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि वाराणसी के जिला न्यायाधीश के द्वारा ज्ञानवापी परिसर से संबंधित प्रकरण में निर्णय अपेक्षित है।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज की अदालत को ऑर्डर 7 रूल 10 के तहत सुनवाई का आदेश दिया था। इस मामले में न्यायालय इस बात पर सुनवाई कर रही थी कि आजादी के समय विशेष उपासना स्थल कानून ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में लागू होता है या नहीं।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि आदेश अपने पक्ष में आएगा, इसमें कोई संशय नहीं है। क्योंकि सारे साक्ष्य हम लोगों के पक्ष में है। कोर्ट स्वीकार करेगा कि यह मामला चलने योग्य है।