अगर आप साइबर क्राइम के शिकार हुए हैं तो आप इसे 155260 पर कॉल करके रिपोर्ट कर सकते हैं. ये नया हेल्पलाइन नंबर साइबर क्राइम के शिकार लोगों के लिए इमरजेंसी नंबर के तौर पर काम करेगा. फिलहाल दिल्ली और राजस्थान में साइबर क्राइम के शिकार हुए लोग ही इस नए इमरजेंसी नंबर पर कॉल करके रिपोर्ट कर पाएंगे.
कोरोना महामारी के दौरान कई लोगों ने साइबर क्राइम को लेकर शिकायत दर्ज करवाई थी. इसमें कहा गया साइबर क्रिमिनल्स सिम कार्ड क्लोन करके उनके अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर लेते हैं. लोगों ने बताया कि उनके अकाउंट से पैसे किसी और पेमेंट वॉलेट में चले जाते हैं. बाद में पता चलता है उनके सिम को किसी ने क्लोन कर ऐसी घटना को अंजाम दिया है.
साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन टीम और गृह मंत्रालय की ओर से इस पहल की शुरूआत की गई. इसके तहत लोग फाइनेंशियल फ्रॉड की शिकायत कर पाएंगे. ये मैनेजमेंट सिस्टम स्टेट पुलिस फोर्स के लिए उपलब्ध करवा दिया गया है.
इस सर्विस को अभी सिर्फ राजस्थान और दिल्ली पुलिस ने स्टार्ट की है. इसकी डिटेल्स नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के डैशबोर्ड पर उपलब्ध है.
साइबर क्राइम के DCP Anvyesh Roy ने बताया कि अब तक 23 केस उनके पास आए हैं. इसमें 8.1 लाख रुपये का अमाउंट शामिल था. इसे हॉल्ड पर रख दिया गया है. 1 अप्रैल को इसके लॉन्च के बाद से अब तक 138 फ्रॉड टिकट रेज किया जा चुका है.
इसकी टेस्टिंग पिछले साल नवंबर में ही शुरू हो गई थी. उन्होंने बताया पहले फ्रॉड होने की स्थिति में पैसे विक्टिम के अकाउंट से कट जाते थे और फ्रॉडस्टर के अकाउंट में चले जाते थे. इस वजह से पैसे मिलने की संभवाना काफी कम हो जाती थी. अब वो लोग फ्रॉड होने के केस में पैसे को होल्ड करने की कोशिश करते हैं. इस वजह से विक्टिम के पैसे बच जाते हैं. इस सिस्टम को आगे और भी मजबूत किया जाएगा.