पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर राज्य के स्वास्थ्यकर्मियों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वेंटिलेटर प्रबंधन पर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसको लेकर चिकित्सा महाविद्यालयों, सदर अस्पताल में कार्यरत एनेस्थेसिस्ट एवं चिकित्सकों के साथ पारामेडिकल स्टाफ, बायोमेडिकल इंजिनियर एवं वेंटिलेटर के रख-रखाव से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों की सूची मंगाई गयी है।
इस वर्ष मई व जून में कई चरणों में चयनित लोगों को दिया गया प्रशिक्षण
श्री पांडेय ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गंभीर रोगियों के लिए वेंटिलेटर की जरूरत अधिक महसूस की गई। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य में ऑक्सीजनयुक्त बेड, आईसीयू बेड एवं वेंटिलेटर आदि की व्यवस्था को मजबूत किया गया है। कोविड से संक्रमित अधिकांश व्यक्ति होम आईसोलेशन या कोविड केयर सेंटर में सामान्य उपचार से स्वस्थ हो जाते हैं, लेकिन कुछ गंभीर रोगियों को ऑक्सीजन एवं अन्य सपोर्टिव ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है। इसके लिए सरकार द्वारा चिकित्सा महाविद्यालयों एवं अस्पतालों तथा सभी जिलों के सदर अस्पताल में वेंटिलेटर की उपलब्धता की गयी है। साथ ही वेंटिलेटर के संचालन को लेकर नर्सों, मेडिसिन, चिकित्सकों, एनेस्थेसिया आदि फैकल्टी को इस वर्ष के मई एवं जून महीने में कई चरणों में प्रशिक्षण भी दिया गया है।
श्री पांडेय ने कहा कि एम्स, पटना में 20 मई, 2021 से 28 मई, 2021 तक दो चरणों में चिकित्सकों, नर्सों, मेडिसिन, एनेस्थेसिया आदि के फैकल्टी को वेंटिलेटर एवं क्रिटिकल केयर का वर्चुअल प्रशिक्षण दिया गया है। वहीं राज्य के प्रत्येक जिले के दो चिकित्सक एवं चार-चार स्टाफ नर्सेज को एम्स, पटना में क्रिटिकल केयर पर 16 जून, 2021 से 28 जुलाई, 2021 के बीच 7 दिनों का आवासीय ट्रेनिंग 6 बैच को दिया गया था। इसमें 2 दिनों की सैद्धांतिक एवं 5 दिन की आईसीयू ट्रेनिंग दी गयी थी। साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समय-समय पर वेंटिलेटर संचालन पर चिकित्सकों एवं पाराचिकित्सा कर्मियों को ऑनलाइन माध्यम से प्रक्षिक्षण प्रदान कराया जाता रहा है।