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हिंदी हमारे दिलों को जोड़ती है : सुरेश मिश्रा‌

औरैया। जिले में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर जिला प्रेस क्लब भवन में एक गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें “हिंदी पत्रकारिता के स्वरूप और आजादी के आंदोलन की सफलता में हिंदी पत्रकारिता के प्रभाव” पर चर्चा की गई। इस अवसर पर कोरोना काल में दिवंगत पत्रकार साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रेस क्लब संरक्षक सुरेश मिश्रा ने कहा कि 30 मई 1826 में पंडित जुगुल किशोर शुक्ल जी ने “उदंत मार्तण्ड” नाम से पहला हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र का प्रकाशन कलकत्ता से किया था। उन्होंने कहा कि धीरे धीरे जब देश की आजादी का बिगुल बजा तो समाचार पत्र ने उस आंदोलन में लोगों को तेजी से जोड़ने का कार्य किया।

मिश्र ने कहा कि अब इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का युग है। लोगों के रोजगार में अंग्रेजी का प्रभाव अवश्य बढ़ा किन्तु हिंदी का प्रसार विविधभाषी प्रान्तों में भी तेजी से हुआ। हिंदी हमारे दिलों को जोड़ने का कार्य करती है। हिंदी के शब्दों में मर्म के साथ ही सम्मान भी होता है। इस अवसर पर उन्होंने कोरोना काल में दिवंगत पत्रकारों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

संरक्षक उमेश दुबे ने कहा कि अन्य भाषाओं की अपेक्षा हिंदी समाचार पत्रों का विकास आजादी के बाद तेजी से हुआ है। उन्होंने कहा कि इसे अजर और अमर रखने की जरूरत है।जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने कहा कि युवा पत्रकारों को समय समय पर प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है जिससे वह हिंदी पत्रकारिता के शानदार इतिहास को समझ सकें।

महामंत्री गौरव श्रीवास्तव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक युग में भी हिंदी पत्रकारिता का प्रभाव बहुत तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि दक्षिण भारतीय भाषाओं को बोलने और समझने वाले अफसर उत्तर भारत में सेवा देकर हिंदी को बोलते और समझते हैं। काफी हद तक हमारी हिंदी भाषा वैश्विक होती जा रही है। इस अवसर पर बरिष्ठ पत्रकार दीपेंद्र सिंह, हिमांशु विश्नोई सहित अन्य पत्रकारों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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