अमेरिका की स्वास्थ्य सेवा कंपनी ने ह्यमून इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के एक नए उपप्रकार की पहचान करने का दावा किया है। कंपनी ने कहा कि उनकी खोज दिखाती है। जीनों के समूह के अनुक्रमण (जीनोम सीक्वेंसिंग) में अग्रणी रहने से अनुसंधानकर्ताओं को जीन में बदलाव यानि म्यूटेशन को रोकने में मदद मिल रही है।
अबॉट प्रयोगशाला ने गुरुवार को कहा कि 1980 के दशक से लेकर 2001 के बीच लिए गए खून के नमूनों में से तीन व्यक्तियों में एचआईवी-1 समूह एम का उप-प्रकार ‘एल’ मिला है।
वर्ष 2000 में जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक किसी नए उपप्रकार की घोषणा के लिए तीन मामलों का अलग-अलग पता चलना चाहिए। समूह एम एचआईवी-1 विषाणु का सबसे आम रूप है। उप-प्रकार एल इस समूह का 10वां और दिशा-निर्देश जारी होने के बाद से पहला उपप्रकार है, जिसकी पहचान हुई है।