Breaking News

कैसे विदेश मंत्रालय का नया अध्ययन भारत को चीन के बीआरआई खतरे से निपटने में मदद करेगा?

भारतीय विदेश मंत्रालय ने देश को पूर्वोत्तर राज्यों में जारी कनेक्टिविटी परियोजनाओं एवं पड़ोसी देशों नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार में जारी विकास सहायता परियोजनाओं की मैपिंग के लिए एक विस्तृत अध्ययन शुरू किया है। सरकार द्वारा संचालित सार्वजनिक वित्तीय संस्थान नॉर्थ ईस्टर्न डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनईडीएफआई) यह अध्ययन करेगा।

नॉर्थ ईस्टर्न डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनईडीएफआई) करेगा यह अध्ययन।

विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अध्ययन पूरा हो जाने के बाद सरकार को यह जानने में मदद करेगा कि भारत और भारत के बाहर मौजूदा निवेश को कैसे जोड़ा जा सकता है और कैसे एक क्षेत्रीय परिवहन नेटवर्क निर्माण किया जा सकता है।

एक दूसरे अधिकारी के अनुसार भारत अब देश के पूर्वोत्तर और पड़ोसी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। अधिकारी ने कहा कि यह देश के बड़े सुरक्षा हितों को देखते हुए विशेष रूप से चीन के ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ के तहत नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों पर मंडरा रहे चीनी खतरे को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में कनेक्टिविटी परियोजनाएं भारत की विदेश नीति का एक अभिन्न अंग बन गई हैं, खासकर जब ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के साथ-साथ ‘पड़ोसी पहले नीति’ की बात आती है। सूत्रों के अनुसार यह अध्ययन “चीन पर नजर और पूर्वोत्तर के राज्यों में भारत की भूमिका को सुदृढ़ करने के लिए किया जा रहा है।

पूर्वोत्तर में भारत की कुछ प्रमुख परियोजनाओं में जिसमें पड़ोसी देश भी शामिल हैं- कलादान मल्टी-मोडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट, भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना और रि-टिडिम रोड परियोजना है। ये एक दशक से अधिक समय से चल रहे हैं और इसका उद्देश्य भारत को म्यांमार और बांग्लादेश के माध्यम से दक्षिण पूर्व एशिया से जुड़ना है।
इस साल की शुरुआत में, भारत ने बांग्लादेश के साथ बुनियादी ढांचे को जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर जोर देने की बात कही थी। मार्च में प्रधानमंत्री मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ‘मैत्री सेतु’ का वर्चुअली उद्घाटन किया था, जो लैंडलॉक पूर्वोत्तर की चटगांव बंदरगाह तक पहुंच आसान कर देगा।

शाश्वत तिवारी
 शाश्वत तिवारी

About Samar Saleel

Check Also

अवध विश्वविद्यालय: उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन प्रक्रिया तेज

अयोध्या (जय प्रकाश सिंह)। डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय (RML Avadh University) द्वारा परीक्षाफल शीघ्र ...