आम धारणा के उल्टा साठ साल की आयु व इसके बाद हार्ट फेल के मामलों का सबसे बड़ा कारण इस्कीमिक दिल रोग या डायबिटीज नहीं है, बल्कि हाइपरटेंशन है. अपेक्षाकृत कम खतरनाक समझी जाने वाली हाइपरटेंशन की बीमारी वृद्धावस्था में हार्ट फेल में सबसे बड़ी किरदार निभाती है.
मुंबई के केईएम अस्पताल के डॉक्टरों की प्रतिनिधित्व में हुए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है. इसको जर्नल ऑफ फिजिशिअन ऑफ इंडिया में प्रकाशित किया गया है.
अध्ययन के लिए 60 साल की आयु से लेकर 80 साल से अधिक आयु के मरीजों का समूह बनाया गया था. इसमें 51.79 प्रतिशत मरीज 60 से 70 साल की आयु के बीच, 42.86 प्रतिशत मरीज 71 से 80 साल के बीच व 5.35 प्रतिशत मरीज 80 साल से अधिक आयु के थे.
हार्ट फेल का शिकार होने वाले 73 प्रतिशत से अधिक मरीजों में हाइपरटेंशन की शिकायत पाई गई. अध्ययन में पाया गया कि सभी मरीजों में सांस की समस्या एक सामान्य लक्षण पाया गया. वहीं, 58.9 प्रतिशत मरीजों में थकान व 53.6 प्रतिशत मरीजों में एडिमा पेडल का लक्षण दिखा.
वहीं, हार्ट फेल होने में सबसे बड़ा लक्षण सीने की जलन रहा (92.85 फीसदी) व 73.21 प्रतिशत मामलों में गले के शिरे पर दबाव दिखा.
यह है इस्केमिक दिल रोग-
इस्केमिक दिल की बीमारियां ऐसे रोग हैं जो रक्तप्रवाह में कमी के कारण होते हैं. इसे कोरोनरी धमनी रोग भी बोला जाता है. ये ऐसी स्थिति है जिसमें दिल को ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में प्लाक बन जाता है.