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अचानक आये बुखार, आंखों के पीछे हो तेज दर्द तो डेंगू जांच जरूरी – सीएमओ

राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर आयोजित हुई गोष्ठी

औरैया। बदलते मौसम और खासतौर पर मानसूनी बारिश के बाद डेंगू के प्रसार की आशंका बढ़ जाती है। वैसे तो डेंगू एक साधारण बीमारी है, लेकिन इलाज में लापरवाही से यह खतरनाक रूप अख्तियार कर लेता है । अगर अचानक बुखार के साथ आंखों के पीछे तेज दर्द हो तो मरीज को डेंगू की जांच अवश्य करानी चाहिए । यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव का। वह सोमवार को एकीकृत कोविड कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर में राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित कर रहीं थी।

सीएमओ ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए बुखार की स्थिति में चिकित्सक के सलाह पर ही दवा लेनी है । लोगों को यह भी समझना है कि डेंगू का लार्वा छोटे जलस्रोतों जैसे कूलर, गमला, फ्रीज ट्रे, नाद आदि में साफ पानी के ठहराव से बनता है । ऐसे स्थानों की साप्ताहिक तौर पर सफाई करनी है । डेंगू का प्रसार दर काफी अधिक है और यही मुख्य चिंता का विषय है । इसलिए डेंगू का लक्षण दिखने पर त्वरित इलाज होना चाहिए । डेंगू के लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में जनजागरूकता लाने के लिए ही स्वास्थ्य विभागहर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाता है। इस साल की थीम है-डेंगू की रोकथाम संभव, आइये हाथ मिलाएं।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ शिशिर पुरी ने बताया की डेंगू पर रोकथाम और नियंत्रण के लिए समुदाय को यह बताने की जरूरत है कि मच्छर को पनपने से रोक कर हम इस बीमारी से खुद के साथ घर-परिवार को सुरक्षित बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के हमारे प्रयासों में महत्वपूर्ण सामुदायिक सहभागिता के साथ हो सकता है। इस साल की थीम का उद्देश्य है कि डेंगू की रोकथाम, नियंत्रण व जागरूकता के लिए अन्य विभागों एवं जनसामान्य से अपेक्षित सहयोग प्राप्त करना। उन्होने बताया कि पहले से ही डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव एवं रोकथाम के लिए नगरीय एवं ग्रामीण स्तर पर नियमित लार्वीसाइड छिड़काव और एक हफ्ते से भी अधिक समय से भरे पानी के पात्रों को खाली किया जा रहा है।

जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) लाल साहब सिंह ने बताया किएडीज इजिप्टी मच्छर दिन के समय काटता है। व्यक्ति में संक्रामक मच्छरकाटने के बाद 3 से 14 दिनों के भीतर लक्षण विकसित होते है। रोगी जो कि पहले से ही डेंगू वायरस से संक्रमित हैं, लक्षणों की शुरुआत के चार से पांच दिनों के दौरान एडीज मच्छरों के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण प्रभावी वेक्टर नियंत्रण उपायों पर निर्भर करता है। उन्होने बताया किडेंगू बुखार एक गंभीर, फ्लू जैसी बीमारी है जो शिशुओं, छोटे बच्चों और वयस्कों को प्रभावित करती है। रोगी के लिएअधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थों पीना और पर्याप्त आराम करना महत्वपूर्ण है।

यह बरतें सावधानियां

घर और आसपास साफ पानी जमा न होने दें।
कूलर व पानी की टंकी सप्ताह में एक बार खाली करके उसे सुखा कर दोबारा प्रयोग करें।
शरीर के अधिकांश भाग को ढकने वाले कपड़े पहनें।
सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
दिन छिपने के समय खिड़की और दरवाजे बंद रखें।
बुुखार आने पर डेंगू के लिए खून की जांच कराएं।
पॉजिटिव घोषित होने पर चिकित्सक की देखरेख में उपचार लें।

रिपोर्ट-राहुल तिवारी

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