उच्चतम न्यायालय ने देश की सभी मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं को प्रवेश देने के अनुरोध संबंधी जनहित याचिका पर शुक्रवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने केंद्रीय कानून और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।
याचिका पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबड़े और जस्टिस एसए नजीर की बेंच ने सुनवाई की।
आपको बता दें, कि ये याचिका पुणे की यास्मीन और उनके पति जुबैर अहमद पीरजादे ने दायर की थी। इसमें सरकारी अधिकारियों और वक्फ बोर्ड जैसे मुस्लिम संगठनों को महिलाओं को देश की सभी मस्जिदों में प्रवेश की अनुमति देने की अपील की गई है। याचिका में कहा गया है कि मस्जिदों में महिलाओं का प्रवेश रोकना उनके मौलिक अधिकारों का हनन है। मामले की अगली सुनवाई अब 5 नवंबर को होगी।
बता दें, याचिका में संविधान के मौलिक अधिकारों का हवाला दिया गया है। इस याचिका में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, सेंट्रल वक्फ काउंसिल को निर्देश देने की मांग की गई है, ताकि महिलाओं को मस्जिदों में प्रवेश करने और प्रार्थना करने की अनुमति मिल सके।