ग्रहण के लिहाज से 2019 का साल ऐसा रहा, जिसमें सबसे ज्यादा सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण लगे। नए वर्ष में में भी दो ग्रहण लग रहे हैं। पहला सूर्य ग्रहण 21 जून और दूसरा सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को पड़ेगा। 21 जून का सूर्य ग्रहण ‘चूड़ामणि ग्रहण’ के नाम से जाना जाएगा जबकि 14 दिसंबर खग्रास ग्रहण।
क्या होता है ‘चूडामणि ग्रहण’
कोई भी सूर्यग्रहण यदि रविवार को पड़ता है तो उसे ‘चूड़ामणि ग्रहण’ कहते हैं। ऐसे ग्रहण में स्नान, दान, जप और पूजा-पाठ आदि का महत्व सर्वाधिक बताया गया है। ग्रहण काल में कोई भी मंत्र सिद्ध करना हो तो सर्वश्रेष्ठ अवसर उपलब्ध रहता है अतः ऐसे अवसर को जाने न दें।
कितने बजे से शुरू होगा ग्रहण
नए वर्ष का सूर्य ग्रहण आषाढ़ की अमावस्या दिन रविवार को पड़ रहा है, जो जनमानस के लिए तो अशुभ है साथ ही शासन सत्ता के लिए भी अनुकूल नहीं है। पृथ्वी पर इस ग्रहण का आरंभ भारतीय समयानुसार 9 बजकर 15 मिनट पर होगा, 12 बजकर 10 मिनट पर परमग्रास रहेगा तथा 3 बजकर 04 मिनट पर ये कंकड़ सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाएगा।
कहां नजर आएगा सूर्य ग्रहण
सम्पूर्ण भारत के अतिरिक्त दक्षिण पूर्व यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी भागों, फिजी, हिंद महासागर, मध्य पूर्व एशिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, मध्य दक्षिण चीन, वर्मा, फिलीपींस आदि देशों में दिखाई देगा। ये ग्रहण मृगशिरा तथा आर्द्रा नक्षत्र एवं गंण्ड तथा वृद्धि योग में घटित होगा। जिसका जनमानस एवं फसलों पर मिलाजुला प्रभाव पड़ेगा।
राशि के अनुसार कैसा रहेगा इसका असर
मेष राशि-
आपके पराक्रमभाव में पड़ने वाला कंकड़ सूर्यग्रहण आर्थिक दृष्टि से लाभदायक सिद्ध होगा। रुका हुआ धन आएगा। मासपर्यंत कामयाबियों का सिलसिला बना रहेगा। धार्मिक कार्यों में रुचि भी बढ़ेगी और विदेश यात्रा का भी योग बनेगा। ग्रहण काल के मध्य ॐ भास्कराय नमः’ मंत्र का जप आपके लिए वरदान की तरह रहेगा।
वृषभ राशि-
आपके धनभाव में पड़ने वाला ये ग्रहण पारिवारिक कलह बढ़ा सकता है। व्यापार आरंभ करते समय अथवा किसी महंगी वस्तु के खरीदने के समय लेन-देन के मामलों में सावधान रहें, धन हानि से बचें। ॐ नमः शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः शिवाय’ मंत्र जपना विषम परिस्थितियों से मुक्ति देगा।
मिथुन राशि-
आपकी राशि पर पड़ने वाला ग्रहण मानसिक अशांति देगा। शिरोपीड़ा भी हो सकती है। अपने स्वभाव में उग्रता न आने दें। कोर्ट कचहरी के मामलों से बचें। वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं। ध्यान रहे ग्रहण का दुष्प्रभाव लगभग एक माह तक रहता है अतः सावधानी बरतें ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जप श्रेयस्कर रहेगा।
कर्क राशि-
राशि से व्ययभाव में ये ग्रहण कष्टकारक यात्राएं एवं भागदौड़ अधिक कराएगा। हो सकता है इस अवधि के मध्य आप किसी को रुपया उधार दें, जिसे वापस लेने में दिक्कतें आ सकती हैं। वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं। ॐ खखोल्काय नमः’ मंत्र ग्रहणकाल में जपने से ग्रहणदोषजन्य परेशानियों से मुक्ति पाई जा सकती है।
सिंह राशि-
आपकी राशि से लाभभाव में पड़ने वाला ग्रहण आय के एक से अधिक साधन बनाएगा। रुका हुआ धन आएगा किंतु परिवार के बड़े बुजुर्गों से मतभेद ना पैदा होने दें । नौकरी में पदोन्नति एवं नए अनुबंध की प्राप्ति के योग है। आप इसका लाभ उठाएं। ॐ आदित्याय नमः मंत्र इस दिन करने से कामयाबियों में और बढ़ोतरी होगी।
कन्या राशि-
कर्मभाव में पड़ने वाला कंकड़ सूर्यग्रहण मानसिक तनाव और अस्थिरता दे सकता है, किंतु ये अल्पकालिक ही रहेगा। कार्यक्षेत्र में उच्चाधिकारियों से अथवा सहयोगियों से मधुर संबंध बनाए रखना उत्तम रहेगा। स्थान परिवर्तन के भी योग बन रहे हैं किंतु ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’मंत्र जाप परेशानियों को दूर कर देगा।
तुला राशि-
आपके भाग्यभाव में पड़ने वाला ग्रहण कई बार कार्य संपन्न होने में बाधा उत्पन्न करेगा किन्तु ये बाधायें एक माह तक ही रहेंगी। शिक्षा एवं संतान संबंधी चिंता बढ़ सकती हैं किंतु, आदित्यह्रदय स्तोत्र या ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप सभी कष्टों से मुक्ति दिलाएगा। अतः धर्म-कर्म एवं दान पुण्य करते रहें।
वृश्चिक राशि-
आपकी राशि से अष्टमभाव में पड़ने वाला ये ग्रहण स्वास्थ्य के लिए कुछ प्रतिकूल रहेगा। वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं। कार्यक्षेत्र में षडयंत्र का शिकार होने से बचें। कार्य व्यापर की दृष्टि से ग्रहण सामन्य ही रहेगा। ॐ नमो भगवते आदित्याय अहोवाहिनी अहोवाहिनी स्वाहा’ मंत्र का जप ग्रहणजन्य सभी दोषों से मुक्ति देगा।
धनु राशि-
आपकी राशि से सप्तमभाव पर पड़ने वाला ग्रहण दांपत्य जीवन में कड़वाहट ला सकता है। अतः वाद-विवाद से बचें। आपसी मतभेद ना पैदा होने दें। व्यापारिक वर्ग के लिए भी ग्रहण मासपर्यंत आर्थिक तंगी वाला सिद्ध होगा। कार्यक्षेत्र में भी वैचारिक मतभेदों को जाहिर ना होने दें। ॐ विष्णवे नमः मंत्र ग्रहण दोष से मुक्ति देगा।
मकर राशि-
राशि से शत्रुभाव में पड़ने वाला ग्रहण स्वास्थ्य के लिए विपरीत रहेगा किंतु आपको शत्रुमर्दी भी बनाएगा। कोर्ट कचहरी के मामले बाहर ही निपटा लें तो बेहतर रहेगा। यदि संभव हो तो इस दिन आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ अथवा ॐ घृणिः सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें जो ग्रहण दोष की परेशानियों से मुक्ति देगा।
कुंभ राशि-
आपके पंचमभाव ग्रहण शिक्षा प्रतियोगिता की दृष्टि से कुछ तनाव दे सकता है। संतान संबंधी चिंता भी परेशान करेगी। यदि आप प्रेम विवाह करना चाह रहे हों तो थोड़ी प्रतीक्षा करें, स्वभाव में चिड़चिड़ापन न आने दें । ॐ नमोस्तु सूर्याय सहस्त्र रश्मये नमः’ मंत्र का जप ग्रहणकाल के मध्य करना दोषों से मुक्त कर देगा।
मीन राशि-
राशि से चतुर्थ भाव में पड़ने वाला ग्रहण पारिवारिक कलह एवं मानसिक अशांति देगा। माता पिता के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें कार्य-व्यापार की दृष्टि से बेहतर रहेगा। नौकरी में पदोन्नति एवं नए अनुबंध की प्राप्ति के भी योग। ॐ ह्रां, ह्रीं, ह्रौं सः सूर्याय नमः’ मन्त्र ग्रहण काल में जपने से ग्रहणदोष से मुक्ति मिलेगी।