दक्षिण पूर्वी एशिया के कुछ देशों में कोरोना के दैनिक मामलों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इंडोनेशिया में दैनिक 50 हजार मामले सामने आए, वहीं एक ही दिन में 1300 की मौत हो गई। इंडोनेशिया में ऑक्सीजन की किल्लत है, वहीं मलेशिया में कब्रों के लिए जगह कम पड़ गई है।
मलेशिया में महामारी के केंद्र बने सेलानगोर राज्य में जब एरिक लैम को कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा तो वहां की यह तस्वीर थी कि वार्ड में कोई जगह नहीं थी तथा मरीजों को गलियारों में बिस्तर लगाकर रखा जा रहा था। सेलानगोर के अन्य अस्पतालों की स्थिति कमोबेश ऐसी है। यह मलेशिया का सबसे अधिक संपन्न और सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। इस राज्य के किसी अस्पताल में अब निशुल्क बिस्तर खाली नहीं है।
दुनिया में कोरोना के मामले कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। वैश्विक महामारी के एक देश में मामले कम होते हैं तो दूसरे देश में बढ़ जाते हैं। कई देशों में कोरोना के मामले फिर से बढ़ गए हैं और कई देशों में लोगों को दफनाने के लिए जगह कम पड़ रही है और नई जगह तलाशी जाने लगी है। साथ ही भारत की तरह ही कुछ देशों में ऑक्सीजन संकट भी परेशान कर रहा है।
बताया जा रहा है कि मरीजों का उपचार जमीन पर लिटाकर या स्ट्रेचरों पर किया जा रहा है। हालांकि इसके बाद से सरकार ने अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ा दी है तथा नये कोविड वार्ड भी बनाये गये हैं। लैम ने याद करते हुए बताया कि उनके तीन सप्ताह के अस्पताल प्रवास में एक बार एक मशीन लगातार दो घंटे तक बीप करती रही। इनमें लोगों का महामारी से उकता जाना, ऐहतियाती उपायों में शिथिलता, समुचित टीकाकरण का अभाव, डेल्टा स्वरूप का उभरना इन कारणों में शामिल है।