न्यूजीलैंड के खिलाफ लिमिटेड ओवर सीरीज के बाद टेस्ट सीरीज में भी रनों के लिए जूझ रहे भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली वापस लय हासिल करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक सफल नहीं हो सके हैं। दोनों देशों के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच शनिवार से शुरू होने जा रहा है। ऐसे में सबकी निगाहें कप्तान विराट कोहली पर होंगी। क्रिकेट फैंस को यह देखना इंटरेस्टिंग होगा कि क्या वो इस दौरे का खात्मा एक अच्छी पारी के साथ कर पाते हैं या नहीं। विराट कोहली की आउट ऑफ फॉर्म को लेकर भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और सांसद गौतम गंभीर ने अपनी राय दी है। गौतम गंभीर ने अपने उस पुराने अनुभव को शेयर किया कि जब वो विराट कोहली जैसी परिस्थिति से गुजरे थे।
गौतम गंभीर ने को दिए इंटरव्यू में बताया कि, यह बात जनवरी 2008 थी और मैं रणजी ट्रॉफी फाइनल में दिल्ली का कप्तानी कर रहा था। यह मैच मुंबई में खेला जा रहा था और विरोधी टीम उत्तर प्रदेश थी। मैं पहली पारी में जीरो पर आउट हो गया था। मुझे मेरी तकनीक और टैम्परामेंट पर काफी आलोचना सुनने को मिली।मैं इस खेल में इस बात को दिमाग में लेकर मैदान में उतरा था कि रणजी जीतना मेरा बचपन का सपना था, लेकिन मैं इतना चार्ज नहीं था। मेरी यह आलोचना एक नेशनल सिलेक्टर ने की थी, जिससे मुझे बेहद गुस्सा आ गया था। मैंने उस गुस्से को उस टाइम तक मन में रखा जब तक मैंने दूसरी पारी नहीं खेली। मैंने इसके बाद दूसरी पारी में शतक बनाया और टीम रणजी ट्रॉफी जीत गई।
इसके बाद मैंने उस सिलेक्टर को मुंहतोड़ जबाव भी दिया। इस तरह इस खेल ने मुझे सभी भावनाओं से परिचित कराया। गौतम गंभीर ने आगे बताया कि विराट कोहली अभी उसी जगह पर है जिस जगह मैं था। मेरे हिसाब से उन्हें इस वक्त उसी फीलिंग की जरूरत है जो आराम से कवर ड्राइव खेल सकता है और इसके बाद वह एक एनिमेटिड चीयर लीडर की तरह अपनी टीम का नेतृत्व कर सकता है।गेंदबाजी पर बात करते हुए 38 साल के गौतम गंभीर ने बताया कि विराट कोहली को पांच गेंदबाजों के साथ उतरना चाहिए। कोहली को हनुमा विहारी की जगह रवींद्र जडेजा को खिलाना चाहिए। बेशक विकेट सपाट हो या जिस पर हरी घास हो। गौतम गंभीर की बात करें तो उन्होंने भारत की ओर से 58 टेस्ट, 147 वनडे और 37 टी-20 मैच खेले हैं।