मोंगला पोर्ट अथॉरिटी और ईजीआईएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच मोंगला पोर्ट को अपग्रेड करने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए हैं। शिपिंग राज्य मंत्री खालिद महमूद चौधरी हस्ताक्षर समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मोंगला बंदरगाह प्राधिकरण के अध्यक्ष रियर एडमिरल मोहम्मद मूसा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। सभा को संबोधित करते हुए उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा विकास भागीदार है और मोंगला पोर्ट परियोजना का न केवल भारत-बांग्लादेश आर्थिक संबंध बल्कि पूरे उप-क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा।
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भारत की रियायती लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत कुल परियोजना लागत 530 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसमें से ईजीआईएस इंडिया कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड को दिया गया पीएमसी अनुबंध 9.60 मिलियन अमेरिकी डॉलर का है। भारत सरकार ने अब तक बांग्लादेश सरकार को 7.862 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य की चार रियायती ऋण श्रृंखलाएं प्रदान की हैं। ढाका में भारतीय उच्चायोग के अनुसार रियायती ऋण के तहत अब तक 42 परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इनमें से 14 परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं और शेष कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
इस बंदरगाह के विकास से न केवल भारत के साथ बल्कि भूटान और नेपाल के साथ भी माल की आवाजाही के लिए बांग्लादेश के लिए समुद्री संपर्क मजबूत होगा। इसके अलावा भारत खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन परियोजना और खुलना-दर्शन रेल लाइन परियोजना के लिए रियायती वित्तपोषण भी प्रदान कर रहा है और इन परियोजनाओं के पूरा होने के साथ, मोंगला पोर्ट बांग्लादेश में रेल कनेक्टिविटी वाला एकमात्र बंदरगाह बन जाएगा जिससे यह वास्तव में बहु-आयामी बन जाएगा।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी