मॉरीशस के दक्षिण-पूर्वी तट पर तेल का रिसाव रोकने में मदद करने के लिए भारत ने वायुसेना के एक विमान से वहां 30 टन तकनीकी उपकरण एवं सामग्री भेजी है. विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि तेल का रिसाव रोकने में विशेषज्ञता प्राप्त तटरक्षक बल की 10 सदस्यीय एक टीम को भी मॉरीशस में तैनात किया गया है, ताकि आवश्यक तकनीकी एवं अन्य सहायता मुहैया की जा सके.
उल्लेखनीय है कि एक जापानी जहाज जुलाई के अंत में मॉरीशस तट के पास मूंगे की चट्टानों में फंस गया और इसके कुछ दिनों बाद पर्यावरण रूप से इस संवेदनशील क्षेत्र में सैकड़ों टन तेल का रिसाव हुआ. शनिवार को मॉरीशस के अधिकारियों ने कहा कि जहाज एम वी वाकशियो टूट गया है. पिछले हफ्ते मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने पर्यावरण आपात स्थिति की घोषणा की थी और स्थिति से निपटने के लिये अंतरराष्ट्रीय सहायता का अनुरोध किया था.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, मॉरीशस के दक्षिण-पूर्वी तट पर तेल का रिसाव होने से पैदा हुए पर्यावरण संकट से निपटने में सहायता के लिये वहां की सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार ने 30 टन तकनीकी उपकरण और सामग्री भारतीय वायुसेना के एक विमान से वहां भेजी है. मंत्रालय ने कहा कि भारत की यह सहायता मानवीय सहायता एवं हिंद महासागर क्षेत्र में आपदा राहत प्रदान करने की उसकी नीति तथा क्षेत्र में सभी की सुरक्षा एवं संवृद्धि के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि के अनुरूप है.
मंत्रालय ने कहा कि यह तत्काल सहायता भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत दोस्ती तथा जरूरत पड़ने पर मॉरीशस के लोगों के प्रति नई दिल्ली की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. उल्लेखनीय है कि भारत ने मॉरीशस को कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद के लिये आवश्यक दवाइयां एवं अन्य सामग्री भी भेजी है.