भारत बनाम वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की टी-20 सीरीज का आगाज 6 दिसंबर से हो रहा। इस सीरीज के लिए भारतीय सलेक्शन कमेटी ने पहले ही टीम इंडिया का एनाउंसमेंट कर दिया था। मगर अब जब पहला मैच शुरु होने में करीब एक हफ्ता बचा है, तब टीम इंडिया स्काॅड में एक बदलाव किया गया। टीम के ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन जिन्हें सैयद मुश्ताक अली ट्राॅफी के दौरान चोट लगी थी। उनका घाव अभी ठीक नहीं हुआ है। BCCI मेडिकल टीम ने सुझाव दिया है कि धवन को टांके कटने और घाव पूरी तरह ठीक होने के लिए कुछ और समय चाहिए। ऐसे में सलेक्शन कमेटी ने धवन की जगह संजू सैमसन को टीम में चुना।
चार साल में खेला सिर्फ एक मैच
दाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन ने भारत के लिए टी-20 डेब्यू चार साल पहले 2015 में किया था। तब भारतीय टीम जिंबाब्वे दौरे पर गई थी। हरारे में खेले गए मैच में संजू को इंटरनेशनल डेब्यू का मौका मिला, हालांकि पहले मैच में यह बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर पाया और सिर्फ 19 रन बनाकर पवेलियन लौट गए थे। वो दिन है और आज का दिन, दोबारा संजू को टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में खेलने का मौका नहीं मिला।
क्या है संजू के बाहर रहने की वजह
युवा विकेटकीपर संजू सैमसन काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, इसमें कोई दोराय नहीं मगर टीम इंडिया के अंतिम एकादश में शामिल होने के लिए उन्हें हमेशा से तगड़ा कंप्टीशन मिला है। चूंकि संजू विकेटकीपर बल्लेबाज हैं, ऐसे में उन्हें भारतीय टीम में तभी जगह मिली जब कोई कीपर टीम से बाहर हो। पहले धोनी लगातार भारत के लिए खेलते रहे, वहीं उनके बीच-बीच में ब्रेक लेने के बाद टीम मैनेजमेंट को रिषभ पंत को मौका दिया। शुरुआत में पंत ने इस मौके का पूरा फायदा भी उठाया, मगर पंत की मौजूदा फाॅर्म को देखते हुए सलेक्टर्स ने संजू पर भरोसा जताना शुरु कर दिया।