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सोनभद्र से 3 हजार टन सोना मिलने के बाद दुनिया में नंबर 2 बन जाएगा भारत, इकोनॉमी पर होगा ये असर

भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में लगभग 3,000 टन और लगभग 12 लाख करोड़ रुपये के सोने की खान का खोज किया है. यह भारत के वर्तमान रिजर्व सोने का लगभग पांच गुना है.

सोनभद्र जिला खनन अधिकारी के.के राय ने शुक्रवार को बताया कि सोन पहाड़ी और हरदी क्षेत्र में एक-एक सोने का खदान मिला है. इतनी बड़ी मात्रा में सोना मिलना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अच्छी खबर है, क्योंकि यह देश के सोने के भंडार को और मजबूत करेगा.

सोने का मौजूदा बाजार मूल्य 41,000 रुपये प्रति 10 ग्राम है. इसका मतलब यह है कि 1 किलोग्राम सोने की कीमत 41 लाख रुपये होगी और 1 टन सोने की कीमत 410 करोड़ रुपये होगी. सोनभद्र की खदानों में 3000 टन सोना होने का अनुमान है. इसका मतलब है कि सोने की कुल लागत 12.3 लाख करोड़ से अधिक है.

अगर सोनभद्र के 3000 टन सोने को भारत के सोने के भंडार में मिला दिया जाता है, तो यह दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सोने के भंडार वाला देश बन जाएगा. भारतीय भंडार में सोनभद्र के सोने को जोड़ने के बाद 3633 टन सोना हो जाएगा. फिलहाल, इस क्रम में नंबर वन पर संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) है. यूएसए के पास 8133 टन सोना है, जबकि जर्मनी (वर्तमान में नंबर 2 पर) के पास 3366 टन सोना है. सोनभद्र से 3 हजार टन सोना निकला तो भारत गोल्‍ड रिजर्व के मामले में नंबर 2 हो जाएगा.

3000 टन सोनभद्र सोने का मतलब होगा कि भारत को अगले 5 साल तक सोने का आयात नहीं करना होगा. इसका अर्थ यह होगा कि भारत अपने विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा को बचाने की स्थिति में होगा. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार भारत ने वर्ष 2019 में 646 टन सोने का आयात किया है.

3000 टन सोना में अगले 6 साल तक ज्वेलरी के लिए भारतीय बाजार को कोई दिक्कत नहीं होगी.

सोनभद्र से मिलने वाले 3000 टन सोना दुनियाभर के सोने की मांग को 8-9 महीनों के लिए पूरा कर सकता है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार दुनिया भर में 4000-4500 टन सोने की मांग है. इसका मतलब है कि अगर सोनभद्र से 3000 टन सोना निकलता है, तो यह 8-9 महीनों के लिए वैश्विक मांग को पूरा कर सकता है.

हालांकि, यह संभावना नहीं है कि सोनभद्र गोल्डमाइन से 3000 टन सोना निकाला जाएगा, क्योंकि यह सोने के अयस्क का वजन बताया जा रहा है.

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