नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु उत्तर प्रदेश सरकार कारगर कदम उठा रही है। इस संबन्ध में अनेक कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस ओर ध्यान दे रहे है। उनका मानना है कि नई शिक्षा नीति भारत को दुनिया में ज्ञान के केन्द्र के रूप में स्थापित करने का माध्यम बन सकती है।
इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। कहा कि उनके मार्गदर्शन में चौतीस वर्षाें के पश्चात राष्ट्रीय शिक्षा नीति घोषित हुई है। नीति के क्रियान्वयन के लिए अध्यापकों एवं शिक्षण संस्थाओं से आगे आने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अध्यापकों को नयी शिक्षा नीति का अध्ययन कर उसे अपने विद्यालयों में लागू करने का प्रयास करना चाहिए।
चौरी चौरा घटना के शताब्दी वर्ष में सभी शहीद स्मारकों एवं शिक्षण संस्थाओं में कार्यक्रम आयोजित किये जाने हैं। इसी प्रकार स्वतन्त्रता के पचहत्तर वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाने हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दोनों अवसर अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने नवनियुक्त अध्यापकों से इन अवसरों पर अपने विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए रचनात्मक और प्रेरणादायी कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी के स्वदेशी स्वावलम्बन व स्वच्छता को माध्यम बनाये जाने पर स्वाधीनता आन्दोलन तेज गति से आगे बढ़ा। इन अवसरों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम स्वदेशी, स्वच्छता, स्वावलम्बन तथा शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवन पर आधारित होने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं। अब तक पौने चार लाख से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्ति प्रदान की गयी है। बेसिक शिक्षा विभाग एवं पुलिस में बड़ी संख्या में भर्तियां की गयी हैं। पुलिस के एक लाख सैंतीस हजार जवानों की भर्ती की गयी है।
आज का कार्यक्रम भी पौने चार साल से अनवरत चल रही प्रक्रिया की नवीनतम कड़ी है। उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में सभी विभागों में निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग में साक्षात्कार को समाप्त कर लिखित परीक्षा के आधार पर चयन किया गया है।