अमेरिकी इंवेस्टमेंट और ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी कमजोर है और इसमें यह कमजोरी वित्तीय वर्ष 2021 में बरकरार रहने की आशंका है. वहीं, ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि भारत के लिए अच्छी बात यह है कि देश में क्रेडिट डिमांड में तेजी आ रही है और होलसेल प्राइस इंडेक्स पर समायोजित लेंडिंग रेट्स में कमी आ रही है.
यानी इंटरेस्ट रेट्स गिर रहे हैं, जिससे क्रेडिट डिमांड बढी है. बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब भारत सरकार, आरबीआई सहित दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियां और ब्रोकरेज फर्म भारत में उम्मीदों से भी अधिक तेज इकोनॉमिक रिकवरी होने का दावा और अनुमान लगा रहे हैं. केंद्र सरकार को उम्मीद है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था में केवल 7.5 फीसदी की गिरावट आएगी.
बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के एक्टिविटी इंडिकेटर में नवंबर में 0.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि अक्टूबर में यह गिरावट 0.8 प्रतिशत और सितंबर तिमाही के दौरान यह गिरावट 4.6 प्रतिशत थी. ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि भारत के एक्टिविटी इंडिकेटर में गिरावट यह दर्शाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था अभी भी कमजोर है.
बैंकिंग सेक्टर का क्रेडिट ग्रोथ 6.2 फीसदी रहने का अनुमान
ब्रोकरेज फर्म बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने कहा कि भारत के बैंकिंग सेक्टर का क्रेडिट ग्रोथ वित्त वर्ष 2021 में 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वहीं, वित्त वर्ष 2022 में यह बढ़कर 12 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा.
फर्म का कहना है कि डबलूपीआई आधारित लेंडिंग रेट्स में कमी आना वित्त वर्ष 2022 में बैंकों के तेज क्रेडिट ग्रोथ का प्रमुख कारण बनेंगे. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में महंगाई के कारण आरबीआई ने पिछली तीन तिमाहियों में इंटरेस्ट रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. इसमें कहा गया है कि एमसीएलआर मार्च 2019 से ही 1.45 प्रतिशत नीचे है.