फ्रांस और मोनाको में भारतीय दूत जावेद अशरफ ने मोंट ब्लांक में 1950 और 1966 की एयर इंडिया फ्लाइट क्रैश के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। राजदूत ने एक ट्वीट में लिखा कि मोंट ब्लांक में 1950 और 1966 में एयर इंडिया की फ्लाइट क्रैश के पीड़ितों को सेंट गेरवाइस के मेयर जीन मार्क पेइलेक्स के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की। पहली बार अगस्त 2019 में पीएम @narendramodi द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गयी थी। एक अन्य ट्वीट में, राजदूत ने इस बात पर प्रकाश डाला, कि दुर्घटना से परे देखते हुए, भारत-फ्रांस मोंट ब्लांक पर ध्यान केंद्रित करते हुए साहसिक खेलों, जलवायु परिवर्तन, ग्लेशियर अध्ययन और पर्यटन के क्षेत्रों में सहयोग कर सकते हैं।
1966 में हुए हादस में कोई भी यात्री जिंदा नहीं बचा था। बताया जाता है कि विमान में चालक दल के 11 सदस्यों सहित कुल 117 लोग सवार थे। जबकि 1950 में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में कुल 48 लोग सवार थे। उनका सम्मान करने के लिए स्मारक मोंट ब्लांक की तलहटी के पास एक फ्रांसीसी गांव निड डी’एगल में एक स्मारक बनाया गया है। इस स्मारक का उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में यूनेस्को मुख्यालय में एक समारोह के माध्यम से किया था। उद्घाटन के दौरान पीएम ने भारत और फ्रांस दोनों के लोगों की एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति और दुख के समय में दोनों देश एक-दूसरे के साथ कैसे खड़े होते हैं, इस पर जोर दिया था।
03 नवंबर 1950 को एयर इंडिया की उड़ान 245, ‘मालाबार प्रिंसेस’ नामक लाकहीड चार-मोटर प्रोपेलर विमान, मोंट ब्लांक पर लगभग 4,677 मीटर की ऊंचाई पर एक चट्टानी बिंदु रोचर डे ला टूरनेट में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। मुंबई- लंदन उड़ान, मध्यवर्ती स्टाप के साथ काहिरा से रवाना हुई थी और जिनेवा में उतरनी थी। इसके बाद 1966 में फिर इसी तरह का दर्दनाक हादसा हुआ। एयर इंडिया की उड़ान 101 (मुंबई-लंदन उड़ान), ‘कंचनजंगा’ नाम का एक बोइंग 707 विमान पहाड़ से टकरा गया।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी