आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि सोने और चांदी के आयात में तेज वृद्धि मुख्य रूप से भारत-यूएई के व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के तहत भारत की तरफ से यूएई को दी गई आयात शुल्क में रियायतों से प्रेरित है। भारत असीमित मात्रा में चांदी के आयात पर 7 प्रतिशत टैरिफ या सीमा शुल्क रियायत और 160 मीट्रिक टन सोने पर 1 प्रतिशत रियायत देता है।
मई 2022 में लागू हुआ था सीईपीए
फरवरी 2022 में सीईपीए पर हस्ताक्षर किए गए और मई 2022 में इसे लागू किया गया। इसके अलावा भारत गिफ्ट सिटी में इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज के माध्यम से निजी फर्मों को यूएई से आयात करने की अनुमति देकर सोने और चांदी के आयात की सुविधा प्रदान करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले, केवल अधिकृत एजेंसियां ही इस तरह के आयात को संभाल सकती थीं।
बाकी सभी उत्पादों पर घटा आयात
यूएई से भारत का कुल आयात वित्त वर्ष 2023 में 53.2 बिलियन अमरीकी डॉलर से 9.8 प्रतिशत घटकर वित्त वर्ष 2024 में 48 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। वहीं सोने और चांदी का आयात 210 प्रतिशत बढ़कर 3.5 बिलियन अमरीकी डॉलर से 10.7 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। रिपोर्ट में ये कहा गया है, कि बाकी सभी उत्पादों का आयात 25 प्रतिशत घटकर वित्त वर्ष 23 में 49.7 बिलियन अमरीकी डॉलर से वित्त वर्ष 24 में 37.3 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है।
‘उच्च आयात शुल्क ही समस्या की जड़’
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि मौजूदा समय में यूएई से सोने और चांदी के आयात टिकाऊ नहीं है क्योंकि यूएई सोने-चांदी का खनन नहीं करता हैं या आयात में पर्याप्त मूल्य नहीं जोड़ता है। अजय श्रीवास्तव ने आगे कहा कि भारत में सोने, चांदी और आभूषणों पर 15 प्रतिशत का उच्च आयात शुल्क ही समस्या की जड़ है। इस टैरिफ को घटाकर 5 प्रतिशत करने पर विचार करें। इससे बड़े पैमाने पर तस्करी और अन्य दुरुपयोगों में कमी आएगी।
भारत ने 1 प्रतिशत टैरिफ रियायत के साथ यूएई से सालाना 200 मीट्रिक टन सोना आयात करने पर सहमति व्यक्त की और इसके कारण सोने का आयात वित्त वर्ष 23 में 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 147.6 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 7.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच गया। जिससे भारत को वित्त वर्ष 24 में राजस्व में 635 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसी तरह, भारत का आभूषण आयात वित्त वर्ष 23 में 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 187.6 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, जबकि यूएई से ये आयात पिछले वित्त वर्ष में 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 187.6 प्रतिशत हो गया है।