अस्ताना। चार जुलाई को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर अस्ताना पहुंचे हैं। एससीओ परिषद के प्रमुखों की 24वीं बैठक कजाकिस्तान की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित होगी।
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जयशंकर ने अस्ताना पहुंचने पर कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री मूरत नूर्टलेउ से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने विस्तारित रणनीतिक साझेदारी और विभिन्न प्रारूपों में मध्य एशिया के साथ भारत की बढ़ती भागीदारी पर चर्चा की।
इसके अलावा उन्होंने बुधवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय साझेदारी तथा समसामयिक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। इसके बाद जयशंकर ने अस्ताना के पुश्किन पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
सम्मेलन में समूह के नेता संगठन की पिछले दो दशक की गतिविधियों की समीक्षा और बहुपक्षीय सहयोग की स्थिति और संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। बैठक में क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के सामयिक मुद्दों पर चर्चा होने की भी उम्मीद है।
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शिखर सम्मेलन में नेताओं से पिछले दो दशकों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा करने और बहुपक्षीय सहयोग की स्थिति और संभावनाओं पर चर्चा करने की उम्मीद है। बैठक में क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के सामयिक मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत की प्राथमिकता सिक्योर एससीओ की है। सिक्योर का अर्थ है- सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, संपर्क, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान तथा पर्यावरण संरक्षण। भारत ने पहली बार एससीओ परिषद की अध्यक्षता करते हुए चार जुलाई 2023 को वर्चुअल माध्यम से बैठक आयोजित की थी।
एससीओ के सदस्यों में भारत के अलावा चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। यह एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, जो सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी