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समुद्र में बढ़ेगी भारत की ताकत, भारत ने फ्रांस के साथ किया ये समझौता

भारत की सबसे पुरानी रणनीतिक साझेदारी शुक्रवार को और भी व्यापक हो गई जब मुंबई स्थित मझगांव डॉक्स में तीन और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण के साथ-साथ उन्नत लड़ाकू जेट जैसी अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकियों को तैयार करने के लिए भारत ने फ्रांस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

हालांकि, मोदी-मैक्रोन शिखर सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त दस्तावेजों और बयानों में 26 राफेल-समुद्री लड़ाकू विमानों के लिए प्रस्तावित सौदे का कोई उल्लेख नहीं था। राफेल जेट और स्कॉर्पीन डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के लिए अनुमानित 80,000 करोड़ रुपये (लगभग 9 बिलियन यूरो) दोनों अधिग्रहणों को रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को मंजूरी दे दी।

दोनों पक्षों ने 2047 तक द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय करने के लिए एक ‘हॉरिजन 2047’ खाका जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि फ्रांस में भारत के ‘यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस’ को उपलब्ध कराने के लिए एक समझौता हुआ है। फ्रांस ऐसा करने वाला पहला यूरोपीय देश है। पीएम मोदी ने भारत में हेलीकॉप्टर इंजन विकसित करने, कल पुर्जों के उत्पादन और एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) सुविधाओं की स्थापना के लिए फ्रांसीसी कंपनियों की योजनाओं का भी उल्लेख किया।

रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को फ्रांस से राफेल जेट के 26 नौसैनिक स्वरूप खरीदने और तीन फ्रांसीसी-डिज़ाइन वाली स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों की खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री ने कहा, “रक्षा सहयोग हमारे घनिष्ठ संबंधों का एक मजबूत स्तंभ रहा है। यह दोनों देशों के बीच गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक है। फ्रांस ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत पहल में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ शुक्रवार को बातचीत की और कहा कि भारत और फ्रांस, मित्र देशों को निर्यात करने के लिए प्रमुख सैन्य उपकरणों के सह-विकास और सह-उत्पादन की संभावनाएं तलाश रहे हैं और अंतरिक्ष-आधारित समुद्री जागरूकता में सहयोग बढ़ा रहे हैं। फ्रांस के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर आए मोदी ने मैक्रों के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगले 25 साल में भारत-फ्रांस रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए साहसिक और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के साथ एक खाका तैयार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “आज हम नयी प्रौद्योगिकियों से संबंधित सह-उत्पादन के बारे में चर्चा करेंगे।” मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष तीसरी दुनिया के मित्रवत देशों के लिए भी सैन्य उपकरण तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस असैन्य परमाणु क्षेत्र में संबंधों को आगे बढ़ाएंगे और छोटे एवं उन्नत मॉड्यूलर संयंत्रों के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।

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