भारत में राष्ट्रीय स्वाभिमान की जब भी चर्चा होगी,रानी लक्ष्मीबाई का नाम सम्मान के साथ लिया जाएगा। उन्होंने अंग्रेजों की परतंत्रता में रहना अस्वीकार कर दिया था। स्वतन्त्रता के लिए उन्होंने जान की बाजी लगा दी। राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने जीवन बलिदान कर दिया। इस प्रकार उन्होंने इतिहास में दो प्रमुख सन्देश दिए। एक यह कि स्वतन्त्रता से बढ़ कर कुछ नहीं होता। दूसरा सन्देश महिला व बालिका सशक्तिकरण का था। उन्होंने अपने जीवन से यह दिखा दिया कि महिलाएं किसी से कम नहीं होती। रानी लक्ष्मी बाई ने रणभूमि में अंग्रेजों को धूल चटा दी थी।
उनकी जयंती राष्ट्र भाव के प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करती है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे इतिहास में ऐसी अनेक महिलाओं का सन्दर्भ मिलता है, जिन्होंने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से उपलब्धियों के उच्चतम आयाम स्थापित किए हैं। वर्तमान में भी अनेक महिलाएं और बालिकाएं अपनी प्रतिभा, ज्ञान और कर्मठता से सफलता के नये उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। अपने विशिष्ट कार्यों से यह महिलाएं और बालिकाएं समाज को राह दिखा रही हैं। भारतीय संस्कृति व परम्परा में मातृशक्ति के सशक्तीकरण के माध्यम से सम्पूर्ण चराचर जगत के कल्याण का भाव निहित है।
योगी ने महारानी लक्ष्मीबाई के एक सौ बानवें जन्म दिवस पर दैनिक जागरण समूह के तत्वावधान में आयोजित दीपांजलि वेबिनार को संबोधित किया। कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने विदेशी हुकूमत के सामने नारी शक्ति का जिस रूप में प्रस्तुतीकरण किया, वह अविस्मरणीय है। वह दुनिया के सामने नारी गौरव का प्रतीक हैं। उनके शौर्य के सामने विदेशियों को घुटने टेकने पड़े। ‘मैं अपनी झांसी किसी को नहीं दूंगी’ का दृढ़संकल्प हम सबके लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने भारत की स्वाधीनता बनाए रखने के लिए अपना बलिदान दिया। राष्ट्र के लिए अपने प्राण न्योछावर किये।
केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ सहित अनेक योजनाएं लागू की गई हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना में महिला के नाम पर आवास, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में महिला के नाम पर रसोई गैस कनेक्शन तथा स्वच्छ भारत मिशन’ में महिला के लिए ‘इज्जत घर’ की व्यवस्था इसका उदाहरण हैं। राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं द्वारा अद्भुत साहस का कार्य करने पर महारानी लक्ष्मीबाई के नाम पर विशेष सम्मान का प्राविधान किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं द्वारा अद्भुत साहस का कार्य करने पर महारानी लक्ष्मीबाई के नाम पर विशेष सम्मान का प्राविधान किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश में दस करोड़ गरीबों को शौचालय उपलब्ध कराए गए। इसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में भी बड़ी संख्या में शौचालयों का निर्माण हुआ। यह नारी गरिमा का भी प्रतीक बना।
वर्तमान प्रदेश सरकार बनने के बाद स्नातक स्तर तक बालिकाओं की निःशुल्क शिक्षा कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ का संचालन किया जा रहा है। सभी वर्गाें के निर्धन परिवारों की कन्याओं के विवाह के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना संचालित की जा रही है। प्रदेश में ‘मिशन शक्ति’ अभियान संचालित किया जा रहा है। प्रदेश की लगभग उनसठ हजार ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय निर्मित हो रहे हैं।