लखनऊ। छोटे उद्यमों को सहायता प्रदान करने और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए 30 अगस्त 2000 को लघु उद्योग Small Scale Industries (SSI) के लिए एक व्यापक नीति पैकेज शुरू किया गया था। स्मॉल इंड्रस्ट्रीज मैनिफेकचरर्स एसोसिएशन “सीमा” द्वारा 30 अगस्त को लघु उद्योग दिवस के उपलक्ष्य पर एक सांगोष्ठी का आयोजन गोमतीनगर स्थित कार्यालय मे किया गया।
इस मौके पर बोलते हुए संगठन अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि भारत के समग्र आर्थिक विकास में कार्यनीति महत्त्व को ध्यान में रखते हुए लघु उद्योग क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यकता पर विशेष बल दिया गया है। तदनुसार लघु उद्योगों के लिए सरकार से नीति समर्थन की प्रवृत्ति लघु उद्यम वर्ग के विकास हेतु सहायक और अनुकूल रही है। लघु उद्योगों का भारतीय अर्थव्यवस्था में अत्यंत महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। प्राचीन काल से ही भारत के लघु उद्योगों में उत्तम गुणवत्ता वाली वस्तुओं का उत्पादन होता रहा है।
यद्यपि ब्रिटिश शासन में अन्य भारतीय उद्योगों के समान इस क्षेत्र का भी भारी ह्रास हुआ, परंतु स्वतंत्रता के पश्चात इसका अत्यधिक तीव्र गति से विकास हुआ है। लघु उद्योग सकल मुल्य उत्पादन में 40% योगदान देते है। संगठन अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने कहा की 30 अगस्त को राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस के रूप में नामित करने पर सहमती हुई है।
इस अवसर पर सीमा के मुख्य संरक्षक, पूर्व मुख्य सचिव यूपी, वरिष्ठ आइएएस अधिकारी आलोक रंजन, पावन तिवारी उपाध्यक्ष, कीर्ति प्रकाश कोषाधिकारी, हार्जिन्दर सिंह जनरल सेक्रेटरी, आरके सक्सेना, वित्त सलाहकार अमर सिंह राठौर, डाइरेक्टर मुइनूद्दीन खान, ओद्यौगिक सलाहकार प्रवीण श्रीवास्तवा, सीए सलिल कुमार व अन्य पदाधिकारियों ने भी लघु उद्योग विषय पर अपने-अपने विचार रखे तथा भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति में योगदान देने के अतिरिक्त लघु उद्योग के कई महत्वपूर्ण विषयो को उजागर किया। इस अवसर पर संगठन के समस्त पदाधिकारी मौजूद थे।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी