जम्मू में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर रविवार को दो “कम-तीव्रता” विस्फोट हुए, जिसमें भारतीय वायुसेना के दो जवान घायल हो गए और एक इमारत क्षतिग्रस्त हो गई। अधिकारियों के अनुसार, माना जाता है कि यह हमला किसी भारतीय सैन्य सुविधा को निशाना बनाने के लिए ड्रोन का पहला इस्तेमाल है।
शनिवार और रविवार की दरमियानी रात जम्मू के अति संवेदनशील और अति महत्वपूर्ण एयरफोर्स स्टेशन पर हुए दोहरे ड्रोन हमले की जांच में जुटी एजेंसियों ने एबीपी न्यूज़ से एक बड़ा खुलासा किया है.
जांच एजेंसियों ने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि अब तक इस मामले में किसी भी बड़े आतंकी संगठन का सीधा हाथ होने के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. जिसके बाद अब यह एजेंसियां इस मामले को आइसोलेटेड टास्किंग का हिस्सा बता रही है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम सहित कई टीमें जांच में शामिल हुईं और जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि दोहरे विस्फोट एक “आतंकवादी हमले” का हिस्सा थे।