एक रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि ईरान ने एक बार फिर यूरेनियम का संवर्धन करना शुरू कर दिया है। तेहरान इस काम को अपने अंडरग्राउंट नतांज प्लांट में कर रहा है। इसके लिए ईरान IR-4 नामक एक उन्नत सेंट्रीफ्यूज का प्रयोग कर रहा है। परमाणु कार्यक्रमों पर निगरानी रखने वाले संयुक्त राष्ट्र के वॉचडॉग ने इसकी जानकारी दी है। इस तरह एक बार फिर ईरान अमेरिका समेत प्रमुख संस्थानों संग हुए 2015 के परमाणु समझौते का उल्लंघन कर रहा है।
हाल के दिनों में ईरान ने अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन पर दबाव बढ़ाने के लिए अपनी परमाणु गतिविधियों को तेज किया है। तेहरान लगातार परमाणु समझौते का उल्लंघन कर अमेरिका संग तनाव पैदा कर रहा है। उसके ऐसा करने के पीछे की मंशा अमेरिका को बातचीत के टेबल पर लाना है। दरअसल, 2018 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश को इस डील से बाहर कर लिया था और ईरान के ऊपर फिर से प्रतिबंध लगा दिए थे।
ट्रंप के अमेरिका को समझौते से बाहर करने के बाद से ही ईरान परमाणु समझौते का उल्लंघन कर रहा है। पिछले साल ईरान प्लांट के ऊपरी हिस्से से तीन उन्नत सेंट्रीफ्यूज को प्लांट के अंडरग्राउंड ईंधन संवर्धन संयंत्र (FEP) में ले गया। यह पहले से ही IR-2m सेंट्रीफ्यूज के जरिए अंडरग्राउंड संवर्धन में लगा हुआ है। परमाणु समझौते के तहत ईरान को फर्स्ट जनरेशन के IR-1 मशीन के जरिए ही संवर्धन की इजाजत थी।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 15 मार्च 2021 को एजेंसी ने सत्यापित किया कि ईरान ने नेचुरल UF6 के साथ FEP पर पहले से स्थापित 174 IR-4 सेंट्रीफ्यूज का कैसेकेड्स इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। UF6 से एजेंसी का इशारा यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड से था। वो तरीका जिसके जरिए सेंट्रीफ्यूज में यूरेनियम को संवर्धन के लिए डाला जाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि ईरान ने IR-4 सेंट्रीफ्यूज को FEP में स्थापित करने की योजना बनाई ही, लेकिन अभी इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है।