मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना आपदा प्रबंधन के साथ ही विकास कार्यों के सुचारू संचालन पर जोर दे रहे है। कोरोना की दूसरी लहर कमजोर हो चुकी है। लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है। तीसरी लहर की आशंका भी बनी हुई है। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के अनेक जनपदों में वर्षा काल में संचारी रोग की आशंका रहती है। विगत चार वर्षों में इस पर भी नियंत्रण स्थापित किया गया है।
लेकिन कोरोना की तरह यह संकट भी समाप्त नहीं हुआ है। योगी आदित्यनाथ इन सभी मुद्दों पर एक साथ कार्य कर रहे है। उन्होंने एक बार फिर जनपदों का भ्रमण प्रारंभ किया है। गोरखपुर बलिया और काशी में उन्होंने कोरोना आपदा प्रबंधन के साथ ही विकास कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि काशी में कार्य करना सौभाग्य की बात है। पूरी श्रद्धा व तन्मयता से कार्य किया जाए। समस्याओं का समाधान हो।
निखर रही है भव्यता
योगी आदित्यनाथ ने श्री बाबा विश्वनाथ की पूजा अर्चना की। उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों को देखा। कहा कि इस धाम की भव्यता निखर कर सामने आई है। उन्होंने निर्माण कार्यों को समय पर पूर्ण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मंदिर परिसर में लग रहे मकराना संगमरमर के कार्य को देखा और वहां चल रहे निर्माण कार्यों के बारे में भी जानकारी ली। वह मंदिर चैक बिल्डिंग के छत पर बनी वीआईपी गैलरी में गए,जहां से उन्होंने बाबा के शिखर और मां गंगा दोनों को प्रणाम किया। मण्डलायुक्त ने उनको निर्माण कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी दी।
जबाबदेही का निर्धारण
मुख्यमंत्री ने कोविड प्रबन्धन सहित विकास कार्यों,निर्माणाधीन परियोजनाओं एवं कानून व्यवस्था के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी वेव के दौरान वाराणसी में अच्छा कार्य हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात में कालाजार,मलेरिया,डेंगू आदि बीमारियों से सतर्क रहना है। कोरोना तीसरी लहर की आशंका के दृष्टिगत सतर्कता से कार्य किया जाए।
कोरोना से विकास व अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा, अब मौका है अर्थव्यवस्था हेतु विकास में तेजी लायी जाए। कार्यो का भौतिक सत्यापन करें और जवाबदेही तय करें। सरकारी अस्पताल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी संख्या में उपकरण आदि उपलब्ध कराए गए हैं। इनके सम्बन्ध में अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी दी जाए। काशी में धन की उपलब्धता है। संसाधन उपलब्ध है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना दीपावली तक संचालित होगी।
अनाथ बच्चों के साथ सरकार
कोरोना से हुई माता पिता की मृत्यु के कारण अनाथ बच्चों हेतु उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना लागू की गई है। कोविड के अलावा अन्य कारणों से जो बच्चे अनाथ हो गए हैं और उनके अभिभावक गरीबी रेखा के नीचे हैं, उनको भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित बाल संरक्षण सेवाएं योजना के स्पाॅन्सरशिप कार्यक्रम के अन्तर्गत सम्मिलित करते हुए, उनके अभिभावकों को दो हजार रुपये प्रतिमाह की धनराशि दी जाती है।
निराश्रितों को पेंशन, राशन कार्ड,आवास सुविधाआरोग्य योजना से आच्छादित किया जाए। हर घर नल योजना से सभी आंगनवाड़ी व प्राइमरी स्कूल आच्छादित हों। ग्रामीण सामुदायिक शौचालय की केयरटेकर को छह हजार रुपये मासिक मानदेय का समय से भुगतान सुनिश्चित किया जाए।