राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए (NDA) की बैठक में नरेंद्र मोदी को नेता चुन लिया गया। इसी के साथ जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी का रास्ता साफ हो गया, मोदी नौ जून को शपथ लेने वाले हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) संसदीय दल की बैठक में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने भारत के संविधान को अपने माथे से लगाया। इसके बाद उन्हें सर्वसम्मति से राजग संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। इसके बाद राजग के नेता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके बाद मोदी रविवार को लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
राजनाथ सिंह ने रखा प्रस्ताव
संसद भवन की पुरानी इमारत में स्थित संविधान कक्ष में राजग की बैठक की औपचारिक शुरुआत होने के बाद वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने मोदी को राजग संसदीय दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखा, जिसका सभी सहयोगी दलों ने अनुमोदन किया। अनुमोदन के बाद सभी नेताओं ने ध्वनि मत से मोदी को अपना नेता चुन लिया।
राजनाथ सिंह के प्रस्ताव का सबसे पहले अमित शाह, फिर नितिन गड़करी और उसके बाद राजग के अन्य सहयोगी दलों के नेताओं ने समर्थन किया। समर्थन करने वाले प्रमुख राजग नेताओं में सबसे पहला नाम जनता दल (सेक्युलर) के एच डी कुमारस्वामी का था। इसके बाद तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता एन चंद्रबाबू नायडू और फिर जनता दल (यूनाइटेड) के नीतीश कुमार ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
शिवसेना के एकनाथ शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार सहित राजग में शमिल अन्य घटक दलों के नेताओं ने भी इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान, हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के जीतन राम मांझी, अपना दल (सोनेलाल) की अनुप्रिया पटेल और जन सेना पार्टी के पवन कल्याण सहित अन्य नेताओं ने भी प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
इस दौरान नीतीश कुमार को मोदी के पैर छूते हुए देखा गया। अपनी बात कहने के बाद नीतीश जब अपनी कुर्सी पर बैठने जा रहे थे, तभी बीच में वो मोदी की तरफ बढ़े और उनके पैर छूने लगे। तुरंत मोदी ने उन्हें रोक लिया और हाथ पकड़ लिए। बाद में नीतीश कुमार उन्हें नमस्कार करते हुए आगे बढ़ गए। इस गजब के नजारे को देखकर एनडीए के बाकी नेता और वहां मौजूद सभी लोग भौचक्का रह गए।
इस मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि हम सभी एक साथ आए हैं और हम सभी आपके (पीएम मोदी) साथ मिलकर काम करेंगे। नीतीश ने कहा कि आप रविवार को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे, लेकिन मैं चाहता था कि आप आज ही शपथ लें। जब भी आप शपथ लेंगे, हम आपके साथ होंगे। हम सभी आपके नेतृत्व में मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के सभी लंबित काम किए जाएंगे। ये बहुत अच्छी बात है कि हम सभी एक साथ आए हैं।
इससे पहले इस बीच वरिष्ठ भाजपा नेता प्रहलाद जोशी ने एनडीए संसदीय दल की बैठक में कहा कि नरेंद्र मोदी रविवार को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। मोदी को अपना नेता चुनने के लिए यहां पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एकत्रित एनडीए नेताओं से जोशी ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह 9 जून को शाम 6 बजे होगा। एनडीए सांसदों के अलावा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गठबंधन के वरिष्ठ नेता बैठक में मौजूद थे।
मंच पर सीटिंग अरेंजमेंट से ही इसे समझिए
मोदी के बगल में चंद्रबाबू नायडू और उनके बगल में नितीश कुमार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव पेश किया कि नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुना जाए। समर्थन में नायडू सबसे पहले बोले और जमकर बोले। उन्होंने वाजपेयी के समय अपनी भूमिका का भी संकेतों में जिक्र किया। उन्होंने 2047 के विकसित भारत के मोदी के विजन का जिक्र किया तो इसके लिए सबका साथ-सबका विकास के रास्ते पर जोर दिया। नायडू ने अपने संबोधन में विकास पर ही जोर दिया।
मोदी का पैर छूकर नीतीश कुमार पूरे आयोजन के केंद्र में आ गए, लेकिन उन्होंने अपने भाषण में विशेष राज्य के दर्जे की मांग का संकेत ऐसे दिया- आप तो सबकुछ कर ही रहे हैं, बिहार में भी हो रहा है। जो कुछ बचा खुचा है उसे आप इस बार पूरा कर दीजिएगा। कुछ लोगों ने इधर उधर किया है चुनाव में लेकिन उससे कुछ होने जाने वाला नहीं है।
इस मौके पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है, लेकिन देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि में देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि आपने जिस तरह से बहुमत देकर दायित्व दिया है, उसके लिए हम सर्वमत से साथ चलेंगे।
मोदी ने जिस तरह अपना पूरा संबोधन बीजेपी के बदले एनडीए पर फोकस रहा। समावेशी मोदी ने पार्टी के बदले अलायंस को आगे रखा, उन्होंने कहा- लोगों ने एनडीए को 22 राज्यों में सरकार बनानकर सेवा का मौका दिया। हमारा ये अलायंस सच्चे अर्थ में भारत की असली स्पिरिट का प्रतिबिंब है। प्री-पोल अलायंस हिंदुस्तान के इतिहास में इतना सफल कभी नहीं हुआ है, जितना एनडीए हुआ है। सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है लेकिन देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी होता है। देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि आपने जिस तरह से बहुमत देकर दायित्व दिया है उसके लिए हम सर्वमत से साथ चलेंगे। एनडीए को करीब-करीब तीन दशक हो चुके हैं।
आजादी के 75 साल में तीन दशक की यात्रा बहुत बड़ी मजबूती का संदेश देती है। हमारा अलायंस तीन बार पांच साल का टर्म पूर कर चुका है। एनडीए सत्ता चलाने का जमावड़ा नहीं है, ये राष्ट्रप्रथम की मूल भावना से बना समूह है। प्रकाश सिंह बादल, बाला साहब ठाकरे, जॉर्ज फर्नांडिस जैसे अनगिनत नेताओं ने जिस पेड़ को सींचा था वो वटवृक्ष बन चुका है।
मोदी ने अपने आज के संबोधन को अगले दस साल में गुड गवर्नेंस पर फोकस किया, सबका प्रयास पर फोकस किया। मोदी ने कहा कि उनके लिए सदन में सभी पार्टी के सदस्य उनके लिए समान है। अपना_ पराया कुछ भी नहीं है, सबको गले लगाने में हमने कोई कसर नहीं छोड़ी है। आदिवासी और ईसाई बहुल इलाकों में एनडीए के अच्छे प्रदर्शन का मोदी ने जिक्र किया। तमिलनाडु में बढ़े वोट शेयर पर मोदी का खास फोकस था। मोदी के मुताबिक इसमें भविष्य की तस्वीर छिपी हुई है। केरल में संघ से जुड़े लोगों पर हुए हमलों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा- हम वहां कभी नहीं जीते लेकिन आज पहली बार संसद में हमारा सदस्य बैठा है
साफ है, मोदी खुद गवर्नेंस पर फोकस कर रहे थे। एक भी भावनात्मक मुद्दों का जिक्र नहीं हुआ। ऐसे में एकनाथ शिंदे की बात का जिक्र जरूरी है, उन्होंने कहा कि एनडीए फेविकोल की तरह एकजुट रहेगा। केंद्र में एकजुट रह पाना कितना मुश्किल होता है ये आगे पता चलेगा।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी