- Published by- @MrAnshulGaurav
- Thursday, June 23, 2022
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस0 जयशंकर 26वें राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अपनी चार दिवसीय यात्रा पर रवांडा पहुंचे हैं। विदेश मंत्री बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। इससे पहले कोविड-19 महामारी के कारण इस बैठक को दो बार स्थगित किया जा चुका है।
अपनी यात्रा के दौरान एस0 जयशंकर ने केन्या की अपनी समकक्ष रेशेल ओमामो से मुलाक़ात की। उन्होंने ट्वीट कर कहा केन्या की मेरी मित्र रेशेल ओमामो से मिलकर अच्छा लगा। हमारी चर्चा यूक्रेन संघर्ष के कारण भोजन, ईंधन और उर्वरक पर पड़ने पर वाले प्रभावों समेत वैश्विक दक्षिण क्षेत्र की सुरक्षा पर केंद्रित थी। इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमारे सहयोग का समर्थन किया। इस यात्रा में विदेश मंत्री 24-25 जून को राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके अलावा उन्होंने आज राजधानी किगाली में राष्ट्रमंडल देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया।
उन्होंने ट्वीट कर कहा रवांडा में बेलीज के विदेश मंत्री ईमोन कर्टेन से मुलाकात की। भारत के सहयोग से निर्मित इंजीनियरिंग सेंटर का स्वागत किया। महामारी के खिलाफ इस वैश्विक लड़ाई में भारत टीके उपलब्ध कराना जारी रखेगा। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा इथोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली और विदेश मंत्री से मुलाक़ात हुई। भारत के प्रति उनकी गर्मजोशी और हमारे द्विपक्षीय साझेदारी के लिए उनके समर्थन की सराहना की।
26वें चोगम शिखर सम्मेलन का विषय “कनेक्टिंग, इनोवेटिंग और ट्रांसफॉर्मिंग के माध्यम से एक सुलभ भविष्य प्रदान करना है”। इस दौरान राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के नेता जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य मुद्दों, बाल संरक्षण जैसी वैश्विक चुनौतियों सहित मौजूदा प्रासंगिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। इस यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री एस0 जयशंकर की राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के अपने समकक्षों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है। विदेश मंत्री किगाली में भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित एक स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ मुलाक़ात करेंगे।
गौरतलब है कि राष्ट्रमंडल सदस्यों के साथ, विशेष रूप से छोटे देशों और विकासशील छोटे द्वीपीय देशों से भारत के जुड़ाव को और मज़बूत बनाने की दिशा में राष्ट्रमंडल बैठक एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। वहीं, भारत को राष्ट्रमंडल देशों के सबसे बड़े सहयोगकर्ताओं के रूप में जाना जाता है। भारत ने तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण के कार्यक्रम के साथ इस संगठन की हरसंभव सहायता की है।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)