जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर कार्यकर्ताओं को भड़काने का आरोप लगाया है। दरअसल, कुशवाहा अपनी रणनीति के तहत हर रोज कोई न कोई सवाल उठाकर जेडीयू को सवालों के कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।
वे अब 19 और 20 फरवरी को जेडीयू कार्यकर्ताओं को इकट्ठा करने जा रहे हैं। इस बाबत उन्होंने एक पत्र भी जारी किया है। अब ललन सिंह ने इसे पार्टी कार्यकर्ताओं को दिग्भ्रमित करने का प्रयास बताया है। उन्होंने कहा है कि कुशवाहा को जेडीयू में पूरा सम्मान दिया गया। लेकिन, अब वह भ्रम फैला रहे हैं।
इससे पूर्व जेडीयू मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में ललन सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा किस हक की बात कर रहे हैं समझ से परे है। संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में झुनझुना थमाए जाने के आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा, ऐसा नहीं है। जब से पार्टी में आए हैं, जितना सम्मान संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष को मिलना चाहिए, पूर्ण सम्मान हम लोग देते रहे। पार्टी के अंदर जब भी उनको कोई समस्या आई और जब भी हमसे कहा, समस्या का निदान हमने किया।
उपेंद्र कुशवाहा के कार्यकर्ताओं के नाम खुला पत्र और दो दिवसीय बैठक बुलाने को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ‘कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना’ करार दिया है। इसी शीर्षक से कुशवाहा के पत्र को टैग कर उन्होंने अपनी त्वरित प्रतिक्रिया ट्वीट की। ललन सिंह ने उपेंद्र के इस कदम को जदयू के समर्पित एवं निष्ठावान कार्यकर्ता साथियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास बताया और कहा कि कुशवाहा ने दो दिवसीय बैठक में जिस विषय को चर्चा के लिए तय किया है, उसपर स्पष्ट तौर पर कहा कि ना कोई डील है और ना ही विलय की बात, यह सिर्फ एक मनगढ़ंत कहानी है।