नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में कथित हिंसा की घटनाओं के बाद यहां पर की सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गर्इ है। जेनएनयू में जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन (जेएनयूएसयू) के चुनाव परिणाम घोषित हुए।
माहौल तनाव भरा हो गया
चुनावों में चार वाम छात्र समूहों के संयुक्त मोर्चे ने चार केंद्रीय पैनल के पदों पर जीत हासिल की है। इन संगठनों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को भारी अंतर से हराया है। परिणाम आने के कुछ घंटों बाद से ही माहौल तनाव भरा हो गया। यहां आरएसएस-संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी अखिल भारतीय छात्र संघ (एआईएसए) के सदस्यों में हॉस्टल में झड़प शुरू हो गर्इ थी।
झड़प की खबरें
इस दौरान कई छात्र घायल भी हो गए थे। दोनों संगठनों के सदस्यों ने एक दूसरे पर हमले करने का आरोप लगाया। इसके बाद कल भी यहां दोनों पक्षों के बीच झड़प की खबरें सामने आर्इ हैं। एेसे में जेनएनयू में लगातार बढ़ रही हिंसा की घटना को देखते हुए विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गर्इ है। इसके अलावा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवानों की संख्या भी पहले से ज्यादा कर दी गर्इ है।
हिंसा की घटनाओं के खिलाफ एक विरोध मार्च
सोमवार की शाम को जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने कैंपस हिंसा की घटनाओं के खिलाफ एक विरोध मार्च किया। हालांकि उनके विरोध मार्च के एक घंटे बाद, विश्वविद्यालय ने यहां पर किसी भी तरह की रैली आदि करने पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है। बढ़ती हिंसा को देख विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा एक नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि यूनिवर्सिटी कैंपस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यहां किसी भी तरह का जुलूस, प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है।
कैंपस में प्रवेश पर रोक
रैली इत्यादि की अनुमति नहीं है। इतना ही नहीं जो लोग जबरन कैंपस का माहौल खराब करने की कोशिश करेंगे उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों की मानें तो यूनिवर्सिटी प्रशासन की आेर से छात्रों से भी कहा गया है कि वे हाॅस्टल में बाहरी लोगों को आमंत्रित न करें। इसके अलावा बाहर के लोगों का कैंपस में प्रवेश पर रोक लगा दी गर्इ है।