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सरपंच हत्याकांड के मुख्य आरोपी कराड ने खटखटाया अदालत का दरवाजा, सभी आरोपों से बरी करने की मांग की

छत्रपति संभाजीनगर:  महाराष्ट्र के बीड सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड में मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड ने बीड अदालत में एक आवेदन दायर किया है। उसने अदालत से सभी आरोपों से बरी करने की मांग की है। अभियोजन पक्ष ने बृहस्पतिवार को बताया कि उसके खिलाफ कोई प्राथमिक सबूत नहीं है। अदालत ने मामले की जांच कर रहे राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) से आवेदन पर जवाब मांगा है।

अगर अदालत को लगता है कि उसके खिलाफ प्रथम दृष्टया अपराध नहीं बनता है, तो किसी मामले में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद आरोपी को बरी किया जा सकता है। इसके बाद आरोपी को मामले में मुकदमे से गुजरने की जरूरत नहीं है।

पिछले साल 9 दिसंबर को हुई थी देशमुख की हत्या
बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख को पिछले साल 9 दिसंबर को अगवा करने के बाद प्रताड़ित कर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कथित तौर पर एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश की थी। इस मामले में अब तक वाल्मिक कराड सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सीआईडी ने पिछले महीने दाखिल किया था आरोपपत्र
सीआईडी ने पिछले महीने बीड की एक अदालत में देशमुख हत्याकांड और दो संबंधित मामलों में 1,200 से अधिक पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया था। अदालत में सुनवाई के बाद विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि आरोपी वाल्मिक कराड ने पहले कुछ कागजात मांगे थे। हमने आज अदालत के समक्ष वे कागजात पेश किए हैं।

24 अप्रैल को अदालत के समक्ष जवाब पेश करेगी सीआईडी
सरकारी वकील निकम ने आगे कहा कि आरोपी वाल्मिक ने मामले से खुद को बरी करने के लिए एक आवेदन दायर किया है। उसने दावा किया है कि उसके खिलाफ कोई प्राथमिक सबूत नहीं है। निकम ने कहा कि अदालत ने सीआईडी से जवाब मांगा है, जिसे 24 अप्रैल को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरपंच देशमुख की पिटाई का एक वीडियो भी अदालत के समक्ष पेश किया गया है। सीआईडी के अनुसार, इस वीडियो को आरोपी ने शूट किया था।

वीडियो को सार्वजनिक न करने की अपील
सरकारी वकील निकम ने आगे कहा कि हमने अदालत से अनुरोध किया है कि वीडियो को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे कानून-व्यवस्था का मुद्दा पैदा हो सकता है। आरोपी 24 अप्रैल को इस पर अपना जवाब पेश करेंगे।

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