लखनऊ (ब्यूरो)। कायस्थ संर्घ अंतर्राष्ट्रीय समेत कायस्थ समाज से जुड़ी लगभग सभी संस्थाओं ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उप्र में कायस्थ कल्याण बोर्ड का गठन करने की मांग की है। पत्र का हवाला देते हुए कायस्थ संघ अंतर्राष्ट्रीय के अध्यक्ष दिनेश खरे ने कहा कि यूपी में कायस्थ समाज की संख्या तकरीबन ढाई करोड़ है, जो राष्ट्रहित में सदैव भाजपा के साथ खड़ा होता रहा है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने वहां पर कम संख्या के बावजूद कायस्थ कल्याण बोर्ड का गठन कर दिया है, जिसके चलते यूपी के कायस्थ समाज में रोष व्याप्त है और वह मुख्यमंत्री की ओर उम्मीद लगाये देख रहा है।
श्री खरे ने कहा कि आज यूपी में 90 फीसद कायस्थ की आर्थिक स्थिति अन्य वर्ग से कम है। जिन्हे सरकार की नीतियों से आच्छादित किया जा सकता है। उन्होंने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से मांग की कि यूपी में वरिष्ठ व अनुभवी कायस्थ विचारको व चिंतकों से रायशुमारी करके चित्रगुप्त कायस्थ कल्याण बोर्ड का गठन किया जाये। उन्होंने पत्र के साथ राजस्थान सरकार का आदेश भी संलग किया है।
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उनकी मांग को पुरजोर समर्थन करते हुए अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ट्रस्ट के प्रदीप सक्सेना ने कहा कि कायस्थ समाज ना तो कृषक समाज है,ना ही उद्योग, व्यापार में अग्रणी है, ना ही श्रमिक वर्ग है कायस्थ समाज सदियों से प्रशासन में रहकर कलम का धनी अर्थात नौकरी पेशा समाज रहा है। इस समाज की आय का प्रमुख स्रोत नौकरी से प्राप्त आय निर्धारित वेतन ही है। जिससे इस समाज के परिवारों का पालन पोषण होता है।
उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार वर्तमान में प्रशासनिक स्तर पर इस समाज का प्रतिनिधित्व धीरे-धीरे शून्य हो गया है। उच्च शिक्षित होते हुए भी निजी कंपनियों में अल्प वेतन पर समाज के नौजवानों को कार्य करने के लिए विवश होना पड़ रहा है।