कड़ाके की ठंड में ठिठुरते किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर गर्मी बढ़ा रखी है. हालत ये है कि सरकार भले ही कृषि कानूनों को रद्द करने के पक्ष में नहीं लेकिन किसानों के आंदोलन ने इस ठंड में सरकार के पसीने जरूर छुड़ा दिए. किसानों के आंदोलन का आज 28वां दिन है, वहीं क्रमिक भूख हड़ताल का तीसरा दिन है. उन सब के बीच सरकार और किसानों में कृषि कानूनों पर फ़िलहाल सुलह होती नहीं दिख रही.
गाजीपुर बॉर्डर पर डटे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध बातचीत से ही सुलझेगा. अगर सरकार चाहती है तो हम बातचीत के लिए तैयार हैंलेकिन हम कानून में संशोधन नहीं, वापसी चाहते हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई है. इस कमेटी में प्रेम सिंह भंगू, हरेंद्र सिंह लक्खोवाल और कुलदीप सिंह शामिल हैं. किसान नेताओं की यह कमेटी तय करेगी की सरकार से जो प्रस्ताव बातचीत का मिला है, उस पर बातचीत हो या नहीं और अगर हो तो उसकी रूपरेखा क्या हो.
यह पांच सदस्यीय कमेटी सरकार के प्रपोजल को लेकर ड्राफ्ट तैयार करेगी और उसके बाद उस ड्राफ्ट को लेकर 40 किसान नेताओं की मीटिंग होनी है. उस मीटिंग में इस ड्राफ्ट को रखा जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग आज दोपहर 2:00 बजे होगी. इस मीटिंग में यह फैसला लिया जाएगा कि सरकार से बातचीत हो या नहीं और अगर हो तो उसकी रूपरेखा क्या हो. सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान संगठन उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और मुरादाबाद में किसानों पर लाठीचार्ज से नाराज हैं. नाराजगी को जाहिर करने के लिए किसानों ने आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूतला फूंका.