लखनऊ। अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा Kushwaha Samaj उत्तर प्रदेश ने आज अपने सामाजिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिए कार्यक्रम आयोजित किया। महासभा के विभिन्न जिलों की इकाइयों को सबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश महतो ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने संगठन को एक करके सरकार से 14 फीसदी की हिस्सेदारी की मांग करें। उन्होंने कहा कि समाज को उच्च शिक्षा देने के लिये सरकार से मांग की कि सरकार शिक्षा व स्वास्थ्य को निःशुल्क किया जाय।
Kushwaha Samaj : अ. भा. कुशवाहा महासभा ने ग्राम प्रधानों को किया सम्मानित
अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा ने पूरे प्रदेश में स्वजातिय मौर्य, कुशवाहा, शाक्य एवं सैनी से करीब सवा सौ ग्राम प्रधानों को भी सम्मानित किया।
इसके अलावा इस वर्ष की इंटरमीडिएट परीक्षा में उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले बाराबंकी के आकाश मौर्य को सम्मानित किया गया।
कैसरबाग स्थित राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में महात्मा बुद्ध एवं सम्राट अशोक के ऐतिहासिक खोज कर रहे शोधकर्ता श्री आरपी जिजासू, रोशन लाल कुशवाहा, अयोध्या से सचिन को महासभा के प्रदेश अध्यक्ष नीरज कुशवाहा ने सम्मानित किया। इस दौरान कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। प्रसिद्ध कवि कमलेश मौर्य मृदु ने अपने कुशल संचालन, अपनी रचनाओं से हर किसी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। अन्य कवियों में अनिता मौर्या व गया प्रशाद मौर्य ने मां, बेटी और बुजुर्गो पर अपनी रचनायें सुनायीं। जबकि राधा शाक्य, डीआर मौर्य, राकेश निराला, आदि ने मंच को सुशोभित किया।
प्रत्येक जिले में ग्राम स्तर पर राजनैतिक चेतना की जरूरत : नीरज मौर्य
कार्यक्रम में स्व. लखपति कुशवाहा मेमोरियल ट्रस्ट के 21 ट्रस्टीज की घोषणा की गई। प्रदेश अध्यक्ष नीरज मौर्य ने कहा कि समाज को प्रत्येक जिले में ग्राम स्तर पर राजनैतिक चेतना की जरूरत है। अभी समाज को सभी राजनैतिक दलों से 14 फीसदी विधायक और सांसद के टिकटों के आरक्षण की मांग करनी है। जब तक मौर्य समाज के एक साथ 60-70 विधायक नही होते हैं, समाज का विकास सम्भव नही है।
इस अवसर पर प्रदेश महासचिव इंद्रदेव मौर्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष बांकेलाल मौर्य, प्रदेश सचिव सुरेंद्र कुशवाहा, प्रदेश सचिव विश्वनाथ कुशवाहा समेत लखनऊ जिले के अध्यक्ष पंकज मौर्य, सचिव आलोक मौर्य एवं सांस्कृतिक सचिव मनोज मौर्य सहित सैकड़ों स्वजातिय बंधुओं की मौजूदगी रही।