दुमका कोषागार चारा घोटाले से जुड़े चौथे मामले में रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शनिवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को अलग-अलग धाराओं के तहत 7-7 साल की दो सजा सुनाई। या यूँ कहें की 14 साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही उन पर 60 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
Lalu Prasad पर दोनों सजाएं एक के बाद एक चलेंगीं
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने दुमका कोषागार से गबन मामले में लालू प्रसाद को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 7 साल कैद की सजा और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत भी 7 साल कैद की सजा सुनाई।
CBI के विशेष न्यायाधीश द्वारा सुनाई गई दोनों सजाएं एक के बाद एक चलेंगीं। इसके अलावा उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी किया गया है।
लालू रिम्स में भर्ती के चलते अनुपस्थित
लालू के रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती होने के चलते वहां उपस्थित नहीं थे जिसके चलते यह सजा उनके वकील की उपस्थिति में सुनाया गया। अदालत के फैसले के बाद लालू के वकील ने बताया कि लालू को अलग-अलग धाराओं के तहत सुनाई गई 7-7 साल की सजाएं अलग- अलग चलेंगी। उन्होंने कहा कि हम इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
बता दें कि लालू यादव को चारा घोटाले के चौथे मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार (19 मार्च) को लालू प्रसाद को दोषी करार दिया था।
1996 से चल रहा यह मामला
ज्ञात है देवघर कोषागार एवं चाईबासा कोषागार मामलों में दोषी लालू यादव रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद सजा काटे रहे हैं। चारा घोटाला मामला 1996 में चर्चा में आया था। इसमें बिहार के जानवरों के लिए चारा, दवाएं और पशुपालन से जुड़े उपकरणों को लेकर घोटाले को बड़े स्तर पर अंजाम दिया गया था। ऐसे में यह मामला करीब 21 साल से कोर्ट में चल रहा है।
देवघर कोषागार मामला
चारा घोटाले के देवघर मामले में लालू को 6 जनवरी को 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई। इतना ही नहीं 5 लाख का जुर्माना लगाया गया। इस मामले में उनके साथ फूलचंद सिंह, महेश प्रसाद, बेक जूलियस, सुनील कुमार, सुशील कुमार, सुधीर कुमार और राजाराम को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई। इन लोगों पर भी पांच लाख का जुर्माना लगाया गया।
चाईबासा मामले में जनवरी में…
चाईबासा मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश स्वर्ण शंकर प्रसाद की अदालत ने 24 जनवरी को इस मामले में अपना फैसला सुनाया था। इस फैसले में कोर्ट ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले मामले में चाईबासा कोषागार से 33 करोड़, 67 लाख 534 रुपये की अवैध निकासी में लालू प्रसाद यादव को पांच साल की सजा और दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।